रविवार, 26 मई 2019

दयानंद वैदिक यज्ञ भवन इस्माईलपुर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य

1- वैदिक सत्य सनातन धर्म की स्थापना
2- अपने हिन्दु धर्म की रक्षा हेतु सेवा













संस्थागत मुख्य बातें-

3- यह भवन किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं अतः स्वेच्छा से कोई भी इसका गलत प्रयोग नहीं कर सकता।
4- यह एक धार्मिक सेवा केन्द्र भवन ग्राम की संपत्ति है और उसका हर कार्यकर्त्ता सेवक है।
5- प्रत्येक ग्रामवासी इसमें स्वेच्छा से जुड़कर सेवा प्रदान कर सकता है।
6- इसका प्रत्येक सदस्य बड़ा या छोटा नहीं सभी इसमें सेवा देने और लाभ लेने के हकदार हैं।
7- मुख्य समिति इस की प्रहरी है।
8- मुख्य समिति की 3 अन्य समीतियाँ हैं जो अपने में स्वतंत्र भी हैं और मुख्य समिति की सहायक भी।
9- आदि ब्रह्मा से लेकर के जैमिनि मुनि पर्यन्त जो भी सिद्धांत ऋषि मुनियों ने प्रतिपादित किया है उसकी रक्षक है।

रविवार, 19 मई 2019

आर्य समाज इस्माईलपुर में समिति का पुनर्गठन

प्रैस विज्ञप्ति 



समिति पुनर्गठन  हेतु ग्राम की आम जन सभा 

कल दिनांक 19 /5 /2019  दिन रविवार को आर्यसमाज इस्माईलपुर में श्री रमेश आर्य, मंत्री आर्य प्रतिनिधि सभा, बिजनौर की अध्यक्षता में वार्षिक मनोनयन हेतु एक आम सभा की गयी।  जिसमें सर्वसम्मति से डा०  श्री लाखन  सिंह को प्रधान, श्री अशोक कुमार (पू ० ग्राम प्रधान) को मंत्री, श्री अरविन्द कुमार को कोषाध्यक्ष व श्री अनुभव शर्मा को आडीटर चयनित किया गया।  इस प्रकार आर्य समाज इस्माईलपुर की समिति का पुनर्गठन किया गया और कुल 51  सदस्यों की  कार्यकारिणी का गठन किया गया। रणधीर सिंह (जिला आर्यसमाज कार्यकारिणी जलीलपुर),  योगेश्वर सिंह, महीपाल फौजी, प्रमोद कुमार, मनिया, राजेंद्र सिंह, बिट्टू, संजय टेलर, कल्याण सिंह, राजेंद्र सिंह, वेनिस, राजवीर सिंह, संतोष देवी, विमला देवी, श्रीमती तपराज सिंह,  सुरेंद्र सिंह, पदम् सिंह,  सतेंद्र तोमर आदि सभी मुख्य ग्रामवासी उपस्थित थे।  

आपका 
अनुभव शर्मा 
(ऑडिटर आर्य समाज इस्माईलपुर )


अमर उजाला।  २१-०५-२०१९ की कटिंग

शनिवार, 18 मई 2019

Amazon insults Hindus

क्या #Amazon इस्लाम और ईसाइयत के पवित्र चित्रों को इस रूप में प्रस्तुत करके उनका अपमान करने का दुस्साहस कर सकता है ?⠀ हमेशा भारत के ही पूर्वज देवी देवताओं का अपमान क्यों?⠀
#अमेजनमाफीमांगे  #AmazonInsultsHindu⠀
#boycottamazon

पूरी विधि को यू ट्यूब पर सीखें-

https://youtu.be/SmaMCRmymq4

सोमवार, 6 मई 2019

वैदिक ग्रंथों में मिलाये गए विवादित श्लोकों के संशोधन हेतु सहायक सामग्री

मैं आपको एक ऐसे अद्भुत वक्ता के विषय में बताना चाहता हूँ जो कि सतयुग में श्रृंगी ऋषि के रूप में थे और इस भयंकर कलयुग में एक साधारण जुलाहे के घर खुर्रम पुर सलेमाबाद, मोदीनगर, गाजियाबाद में जन्म लिया।  एक विशेष समाधि अवस्था में उनकी पूर्व जन्मों की याद वापस आ जाती थी और वो वेद मन्त्रों के साथ साथ रामचंद्र जी व कृष्ण जी के विषय में सही सही घटनाएं बताया करते थे बचपन से ही।  मैं १९८६ से ही उनका साहित्य पढ़ा करता हूँ।  पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी रामदेव जी महाराज से अनुरोध है कि जो कुछ भी मैंने अपनी पोस्ट में लिखा है वह ही हमारा वास्तविक इतिहास है निम्न पोस्ट्स में और यह मैं खुद गवाही के साथ कह रहा हूँ कि यदि इस इतिहास को सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाए तो हमारा वास्तविक इतिहास सुसज्जित होगा हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों का पोषक है ये महाभारत काल के बाद का इतिहास।  जैसा कि मनुस्मृति, महाभारत  व भगवत गीता में संशोधन की आवश्यकता है  उसी प्रकार से रामायण को भी २४०० साल पहले दूषित किया जा चुका है और यह कृष्णदत्त जी महाराज के समाधी अवस्था में दिए प्रवचनों के द्वारा सहायता लेकर कर्म यदि किया जाय तो परिशोधित संस्करण सामने आएगा समाज के।  यदि इनको नहीं जोड़ा जाय तो बहुत कुछ परेशानियां व त्रुटियां रह जानी संभव हैं।  यदि इनको पहले से ही अध्ययन में लाया जा चुका है तो बहुत बहुत धन्यवाद सभी योगपीठ के भाईयों, आचार्य जी और गुरुदेव बाबा रामदेव जी महाराज का।  



मैंने हैडिंग के साथ अपने ब्लॉग के लिंक दिए हैं कृपया योगपीठ में इन पोस्ट्स को देखकर सत्य असत्य का निर्णय कर स्वामी जी को अवश्य दिखा देवें।  



जातिवाद का प्रारंभ:, वाममार्गी सम्प्रदायः


पांडव वंश के शासक,  महात्मा बुद्ध्

महात्मा शंकराचार्य


ईसा मसीह 

महात्मा मुहम्मद भाग १ 


महात्मा मुहम्मद भाग २ 

गोस्वामी तुलसीदास, महात्मा नानक, महर्षि दयानन्द जी भाग १ 

महर्षि दाह\दयानन्द भाग २ 

महर्षि दयानन्द भाग ३ 

साहित्य और चरित्र को शुद्ध बनाओ व रामायण और महाभारत के पात्र 

रूढ़िवादी काल 

संस्कृति पर आघात, जर्मनी की प्रगति वेद से 


संदर्भ ग्रंथ-

महाभारत एक दिव्य दृष्टि 
(पूज्यपाद ब्रह्र्षि कृष्णदत्त जी द्वारा प्रकथित प्रवचनों से महाभारत के विषयों का संकलन) प्रकाशक :  वैदिक अनुसंधान समिति (पंजीकृत)


पश्चात इनका यदि पूरा साहित्य चाहिए तो उनकी वेबसाइट का एड्रेस यह है - http://shringirishi.in/



आपका अपना 
अनुभव शर्मा 
(सोशल योगी , २०-२१ अप्रैल,  २०१९ शिविर )

शनिवार, 4 मई 2019

परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

मैं किसी राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं आया हूँ। मैं अपने धर्म और संस्कृति की सही व्याख्या करने के लिए आया हूँ।
_मैं देश, धर्म, संस्कृति, न्याय, समानता, स्वाधीनता, आर्थिक, सामाजिक न्याय के साथ खड़ा हूँ। मैं देश के करोड़ों लोगों का हित जिससे सधता हो ऐसी विचारधारा के साथ खड़ा हूँ। मैं हमेशा यह कहता हूँ कि मैं व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व का, चित्र नहीं चरित्र का उपासक हूँ और आज भी मेरा यही स्टैंड है।_

हिंदू धर्म, संस्कृति, सभ्यता, अपने पूर्वजों के चरित्र, इतिहास, साहित्य और अपने देश के चरित्र पर बहुत बड़ा आक्रमण करके कम्युनिस्टों ने अपने अंत्येष्टि की नींव डाल ली है और राष्ट्रीय पाप किया है।

_भारत में रहने वाले कम्युनिस्टों के पूर्वज न तो लेनिन है न माओ है तो आप अपने पूर्वजों को गाली क्यों देते हो, उनको हिंसक, क्रूर क्यों बताते हो।_

मर्यादा पुरुषोत्तम राम और श्री कृष्ण ने एक भी निर्दोष की हत्या नहीं की है बल्कि सब प्राणियों के प्रति उन्होंने दया, उदारता का भाव रखा, सबका उद्धार किया और जिनको मारा भी उनको मारा नहीं उनको तारा क्योंकि पूरी मानवता के लिए खतरा बन गए थे। ऐसे महापुरुषों के चरित्र के ऊपर इस तरह से उनकी निंदा करना, उन्होंने बहुत बड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय पाप किया है और इसका फल इन कम्युनिस्टों को मिलेगा।

पूरी दुनिया में करीब 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की कम्युनिस्टों ने अपने राज्य, विचारधारा के विस्तार के लिए हत्याएं की है। क्या कभी कम्युनिस्ट इस बात को स्वीकार करेंगे कि हमने क्रूरता और हिंसा करके अपने कम्युनिज्म के विचार को फैलाया है।

- परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

गुरुवार, 2 मई 2019

ग्राम इस्माईलपुर का आर्यसमाज व भवन निर्माण हेतु दिए दान की सूचि

ग्राम इस्माईलपुर का आर्यसमाज व भवन निर्माण हेतु दिए दान की सूचि





हमारे गाँव में सहभोज (अछूतोद्धार हेतु) तथा आर्य समाज की शुरुवात जिन लोगो ने की वे इस प्रकार हैं - पण्डित श्री कश्मीरी लाल शर्मा, श्री भीम सिंह, श्री महाशय बलबीर सिंह, केसरी सिंह, श्री भीम सिंह, श्री फतह सिंह उर्फ़ काले सिंह, मुंशी  श्री कढ़ेरा सिंह, पंडित श्री थानी  सिंह , श्री मुकंदी सिंह, श्री लज्जाराम सिंह।  तथा आर्य समाज के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए जिन का विशेष योगदान रहा वे हैं - श्री फत्तू मुन्शी, श्री महावीर मिस्त्री , श्री महावीर सिंह तोमर पधान, श्री बुद्ध सिंह, श्री महाशय रामकरण सिंह, श्री सुरेश सिंह आर्य, श्री शूरवीर सिंह, श्री नेपाल सिंह आर्य, श्री रणधीर सिंह तोमर, श्री राकेश आर्य, डा० श्री सहदेव सिंह .......... आदि।


१९३९ ईस्वी में इस आर्य समाज के भवन का निर्माण हुवा तथा यह ज्योति आर्य समाज अथाईं से यहाँ इस्माईलपुर गाँव में आई। ३ जुलाई २०१३ को आर्य समाज मंदिर भवन की पुनः नीव रखी गयी  तथा यह भवन तीन चरणों में पूरा होना है। प्रथम चरण में ३,७५,००० रुपये के लगभग इसमें लग चुके हैं। द्वितीय चरण में लगभग ३ लाख रुपये से अधिक लग चुके हैं।  हाल का लिंटर पड़ चुका है ११-१०-२०१८ को।  व बचे भाग का लिंटर २५-०१-२०१९ को पड़ा है।  और इस प्रकार कुल खर्च लगभग १० लाख रुपये का हुआ है अब तक।  बिल्कुल सही राशि भी अपडेट कर दी जाएगी। तृतीय चरण में ल्हिसाई के साथ साथ दान के पत्थर भी लगेंगे व बाथरूम, जीनों की ग्रिल आदि  से सम्बंधित काम होना है ।  द्वितीय चरण के अंत तक सबसे अधिक सहयोग के क्रम में -


(अपडेटेड दान सूची - १८ जनवरी २०१९  को)

1. श्री अरुण चौधरी पुत्र श्री प्रभु सिंह , बिजनौर (एक कमरे का निर्माण) (1,00,000 रु0),

2.  श्री सुरेश चन्द्र आर्य पुत्र श्री भीम सिंह, इस्माईलपुर(32,500 रु0)

3.  श्रीमती शशि प्रभा शर्मा पुत्री श्री कश्मीरी लाल शर्मा इस्माईलपुर(25,000 रु0), + (10,000 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५००० रु0 + 20000 रु0 + 10000 (approx.) = ७०००० कुल

4.  बहन रमा चौधरी पुत्री श्री महावीर सिंह(24,000 रु0) + २०,००० ( द्वितीय चरण  में)+ 5,000 रु० + ५००० रु० = ५४००० कुल

5.  श्रीं मयंक चौधरी पुत्र श्री विजयपाल सिंह(22,077 रु0),

6.  श्री पंकज चौधरी पुत्र श्री तेजपाल सिंह (20,000 रु0) + २५००० रुपये का सरिया (द्वितीय चरण में) + २८००० रुपये का सरिया = ७३००० रुपये  कुल

7.  श्रीमती प्रकाशवती देवी पत्नी श्री रमेश सिंह(13,000 रु0) + 5000 + ५००० = २३००० कुल

8.  डा० श्री नरोत्तम शरण शर्मा पुत्र श्री जानकी प्रसाद शर्मा(11,000 रु0) + ५००० रुपये = कुल १६००० रुपये

9.  श्री रणधीर सिंह तोमर पुत्र श्री हरवीर सिंह(12,701 रु0) + ५००० रु०=  १७७०१ कुल

10. श्री डॉक्टर लाखन सिंह पुत्र श्री चोखे सिंह(10,000 रु0), + (5000 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५१०० रु0 + १०,००० रू० = ३१००० कुल

11. श्री अशोक वर्धन पुत्र श्री लज्जाराम सिंह(6,100 रु0),

12. श्री राजपाल सिंह पुत्र श्री मुकन्दी सिंह (5,000 रु0) + (500 रु0, द्वितीय चरण  में) + १००० रु०= ६५०० कुल

13. श्री संजीव तोमर पुत्र श्री जयपाल सिंह (3000 रु०)

14, बहन गीतांजली शर्मा पत्नी श्री राजकुमार कौशिक मुरादाबाद, (२२०० रु० ) (कलश यज्ञशाला) + (5000 रु0, द्वितीय चरण  में) = ७२०० कुल

15. श्री अशोक कुमार (पू०प्र०) पुत्र स्व० श्री स्वरुप सिंह (२१०० रु० ) + (3000 रु0, द्वितीय चरण  में)+5100 रू०+800=11000 रू०

16. श्रीमती दयावती देवी पत्नी श्री रूपचंद सिंह तोमर(२१०० रु० ) + (500+200+200 रु0, द्वितीय चरण  में) + 1100/-+500/ = ४६०० कुल


17. श्री राजदेव सिंह तोमर पुत्र श्री रामू पधान जी(२१०० रु० )+ (2000, द्वितीय चरण  में) = ४१०० कुल


18. श्री हरवीर सिंह पुत्र श्री चोखे सिंह जी (२१०० रु० )


19. श्री हरवीर सिंह तोमर पुत्र श्री बलराम सिंह केलनपुर(२१०० रु० )


20. श्री तेजपाल सिंह पाल(२००० रु० )+ १००१ (द्वितीय चरण में ) = ३००१ कुल

21. श्री नेपाल सिंह पुत्र श्री बल्लू सिंह (1350 रु०)


22. श्री हरवीर सिंह पुत्र श्री नेमिशरण (1200 रु०)


23. श्री ओमपाल सिंह (Advocate) (1111 रु०) + (1011 रु0, द्वितीय चरण  में) + 200/- = २३२२ कुल

24. श्री बृजेश सिंह पुत्र श्री लक्ष्मण सिंह (1151 रु०) + ५००

25. श्री ईश्वर सिंह पुत्र श्री शिवप्रसाद सिंह (1101 रु०)

26. श्री ब्रह्मपाल सिंह पुत्र श्री सुमेर सिंह (1101 रु०) + (500/- द्वितीय चरण  में) = १६०१ कुल

27. स्व० श्री हरपाल सिंह पुत्र श्री लेखराज सिंह (1101 रु०)

28. श्री करन पधान पुत्र स्व० श्री शौनाथ सिंह (1100 रु०)

29. श्री तेजवीर सिंह पुत्र श्री परम सिंह मीरापुर (1100 रु०)

30. महिपाल सिंह पुत्र श्री मुकंदी सिंह मीरापुर (1100 रु०)

31. डा० श्री प्रभात चौधरी पुत्र श्री नरदेव सिंह बिजनौर (1100 रु०) + ११०० रू० = २२०० कुल

32. श्री सूर्यपाल तोमर पुत्र श्री जगदीश सिंह बिजनौर (1100 रु०)

33. श्री अमन चौधरी पुत्र श्री जोरावर सिंह (1100 रु०)

34. स्व० श्री यशपाल सिंह पुत्र श्री कढेरा सिंह (1100 रु०) + (1100 रु०, द्वितीय चरण  में)

35. श्री विश्वपाल सिंह त्यागी पुत्र श्री रामनाथ सिंह नायक नंगला (1100 रु०)

36. बहन सुनीति शर्मा पत्नी स्व०श्री ओमप्रकाश शास्त्री, चाँदपुर (1100 रु०) + 11000 (द्वितीय चरण  में) = १२१०० कुल

37. स्व० श्री महाराज सिंह पुत्र श्री नत्थू सिंह (1011 रु०)

38. डा० श्री सहदेव सिंह पुत्र श्री ओमपाल सिंह (1001 रु०)+१००० रु०

39. श्री कुशल पाल सिंह पुत्र श्री बुद्ध सिंह जी (1000 रु०)

40. स्व० श्री विकास शर्मा पुत्र श्री घनश्याम दत्त शर्मा चांदपुर (1000 रु०)

41. श्री संदीप चौधरी पुत्र श्री सोमदेव सिंह (1000 रु०) + (4100 रु०, द्वितीय चरण  में)**

42. श्री सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री छोटे सिंह (1000 रु०)

43. श्री विजय वीर सिंह पुत्र श्री रामनाथ सिंह (1000 रु०) + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)

44. श्री कल्याण सिंह पुत्र श्री फत्तू सिंह(1000 रु०)

45. श्री कान्ता प्रसाद धीमान पुत्र श्री नत्थू सिंह (1000 रु०)

46. श्री राजेंद्र शर्मा पुत्र श्री घनश्याम दत्त शर्मा (1000 रु०)

47. श्री ओमपाल सिंह (प्रधान) (1000 रु०)

48. डा० श्री मदन पाल सिंह पुत्र स्व० श्री धर्म वीर सिंह (1100 रु०, द्वितीय चरण  में) + ११०० रु0

49. श्री प्रेम राज सिंह चहला (2100 रु०, द्वितीय चरण  में)**

50. श्री वीर सिंह, जिला पंचायत सदस्य व शिव सेना अध्यक्ष बागड़पुर (1001 रु०, द्वितीय चरण  में)+ ११०० रू०
(He has announced to donate more for Arya Samaj)
 

51. इंजी0 श्री लाखन सिंह पुत्र श्री शेर सिंह (1600 रु०, द्वितीय चरण  में)
52.  डा० श्री नेतराम सिंह, चहला 500 + (1100 रु०, द्वितीय चरण  में)
53 . श्री चेतन शर्मा पुत्र श्री ओमप्रकाश शर्मा जमना वाले 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)+ 500 रु0
54. श्री विनोद कुमार शर्मा पुत्र श्री बाबूराम शर्मा 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५५. श्री वीर सिंह पुत्र श्री दयाराम सिंह 500 +  (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५६. श्री योगेंद्र कुमार शर्मा पुत्र स्व० श्री राम निवास शर्मा (हीमपुर वाले) चांदपुर, (1000 रु0, द्वितीय चरण  में) + २१०० रू०
५७. श्री राजवीर सिंह पुत्र श्री हरपाल सिंह 500+ (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५८. श्री गजेंद्र सिंह (संजय) पुत्र श्री चमन सिंह, बिजनोर 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५०० रू०
59. श्री पवन माहेश्वरी, चाँदपुर  १६५० (द्वितीय चरण में )
60.  श्रीमति सीमा शर्मा पत्नी डा० श्री यज्ञदत्त शर्मा, चाँदपुर  २१०० (द्वितीय चरण में )
६१. श्रीमती संगीता देवी, चांदपुर , ११११ (द्वितीय चरण में )
६२.श्री  विनय कुमार, चांदपुर, ५ कट्टे सीमेंट (द्वितीय चरण में )
६३. श्री सुधीर कुमार गुप्ता, चांदपुर, ५ कट्टे सीमेंट (द्वितीय चरण में )
६४. श्रीमती मंजू अग्रवाल, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में ) 
६५. श्रीमती अंशु अग्रवाल, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में )
६६. श्री  अनुज गुप्ता, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में )
६७. श्री शशांक कुमार , चांदपुर , १५००
६८. श्री कुंदन सिंह एम  डी इस्माइलपुर सोसाइटी , ११००
६९. श्री विपिन कुमार पुत्र प्रेमपाल सिंह १००० ईंटें
७०. श्री मुकेश कुमार प्रधान जी , इस्माइलपुर, ५१००
७१. श्रीमती सरोज देवी पत्नी श्री राजपाल सिंह डीलर १०००
७२. श्री सहदेव सिंह पुत्र स्व० श्री हरपाल सिंह , ११००/-
७३. श्री रौनी  कुमार पुत्र बहन श्रीमती सविता देवी १०००/-
७४. श्री मुकेश सिंह पुत्र चंद्र प्रकाश १० कट्टे सीमेन्ट
७५. बहन चारु शर्मा इस्माइलपुर, १००० रु0
७६. डा ० श्रीमती पूनम देवी पत्नी श्री घनश्याम दत्त शर्मा चांदपुर, २१०० रु0
७७. श्री दुर्गेश जी पुत्र श्री धर्मपाल सिंह , ११०० रु0
७८. डा० मनोज कुमार पुत्र  डा० श्री खूब सिंह जी चांदपुर, १०००० रु0
७९. डा० श्री यज्ञदत्त शर्मा पुत्र डा० श्री देवेंद्र कुमार शर्मा, ५००० रु0
८०. स्वामी ओमवेश जी महाराज , दारानगर गंज, ५१०० रू०
८१. राजीव दुबे पुत्र श्री डॉक्टर श्याम दुबे, बास्टा ११०० रू०
८२. श्री सुबोध जी, गोकुल नगर ११०० रू०
८३. श्री कपिल गोयल , गोकुल नगर, ११०० रू०
८४.श्री राजबहादुर सिंह, ईस्माइलपुर, ११०० रू०
८५. हीरा देवी नर्सिंग होम, चांदपुर, ११०० रू०
८६. श्री कुशलपाल सिंह पुत्र स्व० श्री धर्मवीर सिंह ५१०० रू०
८७. श्री अमित कुमार पुत्र स्व० श्री सुरेश चंद्र आर्य , २०००० रू०
८८. श्री बोनी कुमार पुत्र स्व श्री जगदीश सिंह पुत्र स्व श्री नत्थू सिंह, १००० रू०
८९. प्रभात सिंह पुत्र रमेश सिंह १००० रु०
९०.  गजेंद्र सिंह १००० रु०
९१. बहन चारु शर्मा पत्नी डा० मुनेश कुमार शर्मा मेरठ १००० रु०
९२. श्रीमती निर्मला देवी पत्नी स्व० सहदेव सिंह ११०० रु०
९३. चौधरी डा० शशांक पुत्र विजयवीर सिंह ५१०० रु०
९४. श्री अमन सिंह पुत्र श्री फतह सिंह ५१०० रु०
९५. श्री दीपक कुमार पुत्र श्री नेपाल सिंह आर्य ५००० रुपये
९६ विजय गोयल आर्य किरतपुर, (श्री रणधीर सिंह द्वारा),  २१००० रुपये
९७. श्री ज्ञानेंद्र सिंह इस्माइलपुर ५००० रुपये (रसीद बुक के बदले)
९८. श्री अनिल शर्मा पुत्र स्व० श्री जानकी प्रसाद शर्मा १००० रुपये
९९. श्रीमती सीमा शर्मा पत्नी श्री डा० यज्ञदत्त शर्मा ५००० रुपये
१००. वेद मंदिर, चांदपुर ५१०० रुपये
१०१. बहन आरती सिंह पुत्री श्री रणधीर सिंह आर्य  १००० रुपये
१०२. श्री शेर सिंह सैनी पुत्र स्व०  श्री नेमिशरण २१०० रुपये
१०३. श्रीमती कमलेश सैनी, विधायक, चांदपुर ५१०० रुपये
१०४. श्री राजवीर सिंह पुत्र श्री स्व० यादराम सिंह, १५०० रू०





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(ये नाम पूरा भवन बन जाने के बाद पत्थर पर खुद कर भवन में लगवाए जायेंगे। )


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तथा शारीरिक सहयोग श्री अनुभव शर्मा पुत्र श्री योगेश चन्द्र शर्मा, इस्माईलपुर तथा श्री नेपाल सिंह पुत्र श्री बल्लू सिंह, श्री उदयवीर सिंह पुत्र श्री राजपाल सिंह इस्माईलपुर, श्री राकेश सिंह पुत्र श्री करन सिंह, श्री सचिन कुमार तोमर पुत्र श्री राजदेव सिंह, सत्यम तोमर पुत्र श्री राजदेव सिंह, दीपक चौधरी पुत्र श्री नेपाल सिंह, सचिन तथा श्री संजीव कुमार पुत्र श्री रमेश सिंह इस्माईलपुर, श्री प्रेम राज सिंह चहला व बबली आदि का रहा। इस भवन के निर्माण में गाँव के प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग लिया गया है।
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**  द्वितीय चरण  के लिए उदघोषणा कर दी है।
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घोषणाएं:

१. श्री सुरेश सिंह आर्य जी ने प्रत्येक यज्ञ में २५,००० रुपये दान करने की उदघोषणा मार्च २०१५ के यज्ञ में कर दी थी। आदरणीय श्री सुरेश सिंह आर्य जी का हृदय की गति रुक जाने के कारण देहावसान २८ दिसंबर २०१७ को हो गया है।  सारे आर्य परिवार व पदाधिकारीगणों ने  इस दुःखद घटना पर शोक व्यक्त किया।  आर्यसमाज में भी इन महान आत्मा के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया व यज्ञ के पश्चात् मौन रखा गया।  इनके सुपुत्र श्री अमित कुमार जी ने इस घोषणा के अनुसार आगे भी आर्यसमाज को हरेक वेद पारायण यज्ञ पर दान देने की अपने पिताजी स्व० श्री सुरेश सिंह आर्य की इच्छा को बरक़रार रखने का वचन दिया है। 



२. श्री पंकज चौधरी जी पुत्र पूर्व ग्रामीण विकास मन्त्री स्व0 श्री तेजपाल सिंह ने ५१,००० रुपये का सरिया शेष भवन निर्माण के लिए देने की घोषणा कर दी थी।
5.40 कुन्तल सरिया 18-05-2016 को आया।
3.15 कुंतल सरिया 07-03-2017 को  आया।
8.55(5.40+3.15) कुन्तल सरिया की अनुमानित राशि - २५००० रु०। 
७.०५ कुंतल सरिया 18-01-2019 को। जिसकी अनुमानित राशि २८००० रुपये है।

इस प्रकार ५१००० के सरिया के एवज में माननीय पंकज जी ने कुल ५३००० रुपये का सरिया आर्य समाज को दे दिया है।



विशेष नोट : यदि किसी प्रकार की त्रुटि छपे मैटर में रह गयी हो तो मुझ (अनुभव शर्मा) से संपर्क कर लेवें।  मेरा ई मेल पता नीचे लिखा है। 


For Donation you may transfer fund on the following account number: 

Arya Samaj, Ismailpur
A/c No. : 0096000100526049
IFSC : PUNB009600
Punjab National Bank, Chandpur 
(Bijnor), U.P., India 

and inform on the following E-mail id:

anubhavsbgi@gmail.com
or 

Message on 
+91-9634053977



(अपडेटेड [दान सूची ] - १८  जनवरी २०१९  को)



आर्य समाज इस्माइलपुर के भवन से संबंधित

ओ३म्

ब्र० अनुभव शर्मा

आर्य समाज इस्माइलपुर

यदि आप ईमानदार हैं तो ईमानदारी का सबूत देना भी आवश्यक है वरना देशभक्त व सत्यवादी लोग भी आप  पर शक करने लगते हैं और झूठे लोगों का बोलबाला हो जाता है जो उन लोगों को फिर बड़ा कष्ट दिया करते हैं।  तथ्य है कि संसार में तो सत्य और झूठ साथ साथ चला ही करता है और सत्य को पहचानना सरल नहीं है।  अच्छे अच्छे धोखा का जाते हैं।  परन्तु बिना सत्य को पहचाने कोई यदि किसी पुरुषार्थी के लिए कोई भी दुर्वचन कहता है तो उसके खुद के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।  यह हमारे ऋषि मुनि कहते हैं।

बात आर्य समाज इस्माइलपुर के भवन निर्माण की है।  यह भवन साक्षात परमात्मा की कृपा का फल है। इस कार्य में सबसे अधिक शारीरिक  सहयोग मुझ अनुभव शर्मा का ही रहा है इस बात से शायद कोई अनभिज्ञ नहीं है इस्माइलपुर में।

सौ बात सुनार की और एक लुहार की।  इस भवन को बनाने में राज के रूप में सबसे अधिक काम हरवीर सिंह राज व पप्पू राज ने किया है।  हरवीर का कहना है कि यह आर्यसमाज की कुल बिल्डिंग लगभग 16 -17  लाख की खड़ी है।  मेरी माताजी ने जब हिसाब बताया तो लगभग 10 लाख रुपये से कुछ कम दान आकर इस बिल्डिंग में लगा है।  भला 16 - 17 लाख की बिल्डिंग मात्र लगभग दस लाख में तैयार हो गई।  ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे भी यह अधिकार नहीं था कि अगर कोई सामान भवन निर्माण का मंगवाना है और दो हज़ार का खर्च है तो दो हज़ार ही खर्चे के लिए मिला करते थे अधिक नहीं ।  मोटरसाइकिल की नोकिंग और पैट्रोल का खर्च मेरा अपना ही रहता था। 

और भाइयों बहनों दान इकट्ठा करने में समय,  किराये आदि को रुपये में जोड़ा जाए तो इस दस लाख को इकट्ठा करने में हम लोगों का कितना योगदान व खर्च और रहा होगा यह अंदाज आप लोग खुद लगा लेवें।

सारा हिसाब रसीद नम्बरों के साथ साथ रजिस्टर में मेरी माताजी ने लिखा हुआ है।  सन् 2013 से 2019 तक का सारा दान व खर्च रजिस्टर में है और जिज्ञासु के लिए हर वक़्त उपलब्ध है।  माताजी सदा कहा करती हैं कि जो चाहे उसको ही हिसाब दिखा सकती हूँ।  परंतु जिन्होंने समय समय पर हिसाब देखा है वे मानते हैं कि इस हिसाब में तो एक रुपये की गड़बड़ भी नहीं हो सकती।  अधिकतर सभी खर्चों की रसीद भी चिपकाई हुई हैं।

ऊपर से मेरी माताजी खुद 25000 (पच्चीस हजार) रुपये महीने की पेंशन भी पाती हैं और वे एक ईमानदार सरकारी टीचर रही हैं ।  उन्होंने कोई कभी भी किसी प्रकार का कोई भी घपला किया ही नहीं।  पहली बात तो हम वैदिक संस्कृति व धर्म के हेतु से इस संस्था से जुड़े हैं और भला परमात्मा के लिए दान में आए धन को कोई मूर्ख या गरीबी में त्रस्त व्यक्ति ही अपने लिए खर्च करता है और इन दोनों में से हम हैं ही नहीं। 

पहली बात हिसाब माताजी के हाथ में है जो कि पूर्ण ईमानदारी से खर्चा करवाई हैं।  इसलिए ही 10 लाख लगभग के दान में 16 -17 लाख का भवन तैयार हो गया है।  ऊपर से लगभग 70,000 रुपये खुद माताजी ने भी इस भवन में अपने पेंशन के पैसों से लगाए हैं।

धिक्कार है उनकी अज्ञानता को जो कहते हैं कि तुम सब पैसे खा गए (आर्य समाज को लूट कर खा गए) जबकि सत्य ये है कि नाम और शोहरत के भूखे पदाधिकारी गण हमारी मेहनत का फल और सामाजिक इज़्ज़त दोनों को लूट कर खाना चाहते रहे हैं।

मेरी मेहनत शारीरिक है व अन्य भी भाइयों की शारीरिक मेहनत इसमें शामिल है। लेकिन हर रविवार के यज्ञ में औसतन लगभग 120 रूपये की सामग्री व गोले आदि का खर्च अपनी कम्प्यूटर शाप से करता रहा हूँ और कोई दक्षिणा भी नहीं लेता इसीलिए उस जुड़े पैसे से जो यज्ञ में आया करते थे पंडित जी वाले,  18000 रुपये भी इसी भवन निर्माण में लगा दिए गए हैं।  ये दक्षिणा के पैसे महिला यज्ञ साधिका समिति के नाम से महिलाओं पर जमा होते थे और जब ज़रूरत पड़ी तो भवन निर्माण में लगा दिए गए।  समय समय पर डैक, माइक, लाउडस्पीकर, बैटरी, झाड़ू  आदि अनेक कामों से सम्बंधित खर्च भी शामिल कर लें तो यह खर्च भी या तो मैं वहन करता हूँ या यज्ञ की दक्षिणा से खर्च हो जाया करता है।  और हाँ महिला यज्ञ साधिका समिति का पैसा मेरे पास जमा नहीं उस के लिए कोई और ही महिला चुनी जाती हैं।

आर्य समाज के काम से जब भी हम बिजनौर, चांदपुर, और अन्य गाँव में जाते हैं तो कभी पांच रुपये भी आजतक आर्य समाज के कोष से खर्च नहीं किया चाहे वो दोपहर का हो भोजन हो या पानी, चाय आदि।  यह सब खर्च हम अपने पर्स से खुद वहन करते हैं।

किसी और के हाथ में यह हिसाब होता तो बीस - पच्चीस लाख इकठ्ठा करके और तब यह भवन 16 -17  लाख का बनाते।  तो सभी पाठक गण कृपया बताएं कि सभी धार्मिक संस्थाओं में ऐसा ही हो रहा है कि नहीं।

परन्तु मैं सत्यवादी इंसान हूँ और लगभग २० वर्षों से गायत्री मन्त्र का जप किया करता हूँ और दैनिक यज्ञ भी किया करता था नित्य।  परमात्मा का परम भक्त हूँ। और पेशे से कंप्यूटर शॉप का मालिक और एक टीचर हूँ।  मैं खुद भी काफी कमा लेता हूँ।  मैं क्यों बेईमानी करके धर्म संस्था का ऋणी बन जाऊँ।  हम आर्य हैं और कम से कम धर्म का पैसा खाएंगे नहीं अपितु धर्म के लिए हमारा तन, मन और धन है।

जो सत्य था वो बता दिया।  आगे पाठकों की इच्छा जो चाहें कमेंट करें क्यूंकि इस विषय में सभी स्वतन्त्र हैं कि कोई क्या विचारे किसी के विषय में /

ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

सोशल मीडिया शिविर



ॐ 
 मैंने ५ तारीख २०१९ अप्रैल को ट्विटर पर देखा कि बाबा रामदेव जी के यहाँ योगपीठ में सोशल मीडिया शिविर होने वाला है।  मैंने भी अप्लाई कर दिया ऑनलाइन।  मैं किसी भी प्रकार से अपने देश, संस्कृति की सेवा करना चाहता था और यह भी चाहता था कि अपने क्षेत्र में ही रहकर मैं कंप्यूटर के माध्यम से देश सेवा कर सकूँ।  अति उत्तम मौका था।  ८ तारीख को मेरे पास फ़ोन आ गया कि १९ अप्रैल को आ जाओ।  हालांकि मैंने भारत स्वाभिमान समिति के माध्यम से भी अप्लाई कर दिया था।  मेरे पास युवा प्रभारी बिजनौर का फ़ोन आया कि हमने तुम्हारा नाम भेज दिया है।  

कुल मिला कर सब कुछ मेरे पक्ष में हो रहा था।  १९ की शाम को पंहुचा योगपीठ तो कमरा मिल गया और मैंने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया था।  सुबह ही ४:४० पर योग भवन में पहुंचना था और हम थोड़े लेट हो गए तब तक बाबा रामदेव जी महाराज ने योग कराना शुरू कर दिया था।  हम भी एकदम बैठ गए और दंड बैठक आदि लगाए फिर प्राणायाम किया।  बाबा जी ने हमें बहुत सी बातें बतायीं कि किस प्रकार प्रिंट मीडिया, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब के माध्यम से शब्दों का सही चयन न करके हमारी संस्कृति पर आघात हो रहा है।  शुभ सुचना दी कि आस्था, वैदिक, संस्कार चैनल अब फ्री डिश पर भी उपलब्ध हैं जिससे के गाँव के लोग भी धर्म की व योग आदि की बातें सुन सकें।  इस धर्म प्रचार पर ९ करोड़ से भी अधिक खर्च पतंजलि योगपीठ कर रही है।  बाबा जी ने कहा की अगर योग न होता आज तो एक्टर व एक्ट्रेस के चरित्र भारत के बहन भाइयों में प्रचलित होते।  बाबा जी ने शुभ सुचना दी कि हमारे धर्म ग्रंथों में जो प्ररिवर्तन कर दिया गया है वह सुधार का अभियान भी योगपीठ चलाएगा।  मैं तो बहुत ही प्रसन्न था।  कई बार आँसू की झड़ी आँखों से निकल पड़ीं बाबा जी की निस्वार्थ, बुद्धि से पूर्ण, दिव्य बातों और संकल्पों को सुनकर। 

हमें तो पता है की स्वामी दयानन्द सरस्वती , आदि शंकराचार्य जी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम व योगिराज श्री कृष्ण आदि की जैसी ही दिव्य आत्मा ने जन्म लिया है धरती पर संस्कृति के व राष्ट्र के पुनरुत्थान के लिए बाबा रामदेव जी के रूप में क्यूंकि यह भविष्यवाणी मैंने ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त जी महाराज, बरनावा (पूर्व श्रृंगी ऋषि) की पुस्तक में पहले ही (१९८६ में ) पढ़ ली थी कि महर्षि पतंजलि के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए एक आत्मा ने जन्म ले लिया है।  तो ये तो वहीँ आत्मा हैं, देवयान की महान आत्मा, इनको संसार का अपमान, संसार के वज्र का सामना तो करना पड़ता है परन्तु इन आत्माओं की वाणी अमोघ होती है।  इसलिए बाबा रामदेव जी जो भी संकल्प लेते हैं वह पूर्ण होता ही है।  

योग में अत्यधिक आनंद आया, पुनः आदरणीय राकेश जी ने क्लास ली और भारत स्वाभिमान के व पतंजलि योगपीठ के विषय में बताया।  रिसर्च सेंटर, आचार्यकुलम, वैदिक गुरुकुलम, योग ग्राम, हर्बल पार्क, पतंजलि आयुर्वेद, स्वदेशी अभियान आदि के बारे में बहुत कुछ बताया।  सोशल मीडिया में हम लोगों को जागरूक होने के निर्देश दिए।  बाबा रामदेव जी ने भी जो हृदय की वार्ताएं कीं उनसे हमारा हृदय विडोलित हो गया हम भी कुछ न कुछ बड़ा करेंगे सोशल मीडिया में यह हृदय में संकल्प ले लिया।  

भोजन व्यवस्था बहुत बढ़िया थी।  सुबह नाश्ता व दिव्य पेय , दोपहर को भोजन, रसगुल्ले व छाछ के साथ तथा रात में मैंने तो दोनों दिन उपवास रखा।  सोशल मीडिया के एक्सपर्ट भाइयों ने हमें ट्रेंड किया बफर, फीडले, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, पिनटेरेस्ट व यूट्यूब आदि एप्प्स के बारे में और ये किस प्रकार चलाई जाती है और क्या क्या काम करती हैं यह बताया।  मैंने कंप्यूटर १९९५ में दिल्ली में सीखा था और तभी से कंप्यूटर से जुड़ा हूँ, कई जगह कंप्यूटर फैकल्टी का भी काम किया है परन्तु जिस प्रकार प्रोजेक्टर क्लास चल रही थी उसे देख कर बहुत ही अच्छा लगा व बहुत कुछ ज्ञान बढ़ा। 

रहने की व्यवस्था से लेकर, ज्ञान, भोजन, योग व प्रेम व आदर तक सभी कुछ सुपर था।  हमारा फोटो सेशन भी हुआ और बाबा जी के पैर चौथी बार छू कर आशीर्वाद लेने का मौका भी मिला।  हमें पता चला कि हम कीबोर्ड क्रन्तिकारी हैं सोशल मीडिया के और हम ख़ुशी से फूले न समाते थे कि हमें इस योग्य समझा हमारे मानस पिता गुरुदेव बाबा रामदेव जी ने कि २०१२ के स्वदेशी अभियान में ९ महीने कार्य करने के बाद पुनः हमें किसी योग्य समझा और हम कुछ फिर से देश, धर्म व संस्कृति के लिए कर सकते हैं।  

भाई राकेश जी, भाई जयदीप आर्य जी, सोशल मीडिया के स्पेशलिस्ट भाइयो समेत बाबा रामदेव जी महाराज का बहुत बहुत धन्यवाद।  सभी योगपीठ के भाइयों का धन्यवाद।  मैंने संकल्प लिया है कि निश्चित रूप से देश की, धर्म की, संस्कृति की रक्षा करूँगा कीबोर्ड क्रान्तिकारी के रूप में और अधिक से अधिक समय (१०% से अधिक) जितना हो सकेगा दान करूँगा इस क्रांति में।  लिखने को बहुत कुछ है परन्तु समय का अभाव बना ही रहता है।  थोड़े लिखे को ही बहुत समझें।  

आशा है कि परमात्मा भी अवश्य ही हमारी सभी की सहायता, उत्साह वर्धन करेंगे इस कार्य में।  जय भारत माता।  वन्दे मातरम।  जय वैदिक संस्कृति।  सभी ऋषि मुनियों की जय।  ॐ

यूट्यूब पर सुनें - सोशल मीडिया शिविर हरिद्वार 



गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

नापाक मंसूबे हैं आतंक के पीछे

ओ३म
पाकिस्तान व भारत की राजनैतिक स्थितियों में अंतर
जैसी गणतंत्र व उसकी व्यवस्था भारत में हैं, भारत के लोग समझते हैं कि पाकिस्तान में भी वैसी ही है।  परन्तु ऐसा नहीं है।  इसे समझने के लिए मेरे इस लेख को ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें तब ही वास्तविक स्थिति समझने में सक्षम हो पाएंगे।  ये लेख किसी द्वेष की भावना से नहीं लिखा गया है।  परन्तु जैसा मेरी मति में समझ आया है वैसा ही मैंने लिख दिया है।  विद्वान् लोग उसी मात्र से वास्तविक स्थिति समझ लेंगे।  

मैंने क़ुरआन में पढ़ा है, उसमें सभी आदेश मुसलमान के लिए हैं बाक़ी सभी को काफिर बताया गया है तथा यह भी कहा है कि मुसलमान ही जन्नत जायेगा तथा काफिर (गैर मुस्लिम - हिंदू, सिख, ईसाई , बौद्ध, जैनी आदि सभी ) दोज़ख में ही जायेंगे।  वास्तव में मुहम्मद ने आज से लगभग 1400 वर्ष पहले इस पुस्तक के माध्यम से एक ऐसी फौज की रचना की थी जो 'अक़्ल को दखल नहीं ' नियम मानकर वह जो सीधा उल्टा कहें वे वहीँ करें। उन्होंने इन फोजों को अंधानुकरण सिखाया।  जबकि गीता व वेदादि सत्य शास्त्रों में मानव मात्र के कल्याण का उपदेश है, ऐसा कुरआन में नहीं। 

भारत में सभी व्यापक योजनाएं सरकार, संसद, राष्ट्रपति या कोर्ट द्वारा आदेशित होती हैं।  भारतीय सेना भी मंत्री परिषद् व प्रधानमन्त्री जी के अधीन होकर ही निर्देशित रहती है।  परन्तु पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।  

पाकिस्तान को रूल करने वाली तीन यूनियन हैं -
१- राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, संसद, कोर्ट व मंत्री परिषद् 
२- अल्लाह, मुहम्मद व कुरआन के आधार पर चलने वाली संस्थाएं जैसे जैश ए मुहम्मद आदि।  इनका काम नमाज़ पढ़ना, मदरसा चालान, जमात लगाना व समय समय पर मुहम्मद की बातों के आधार पर अल्लाह व दोज़ख का खौफ देकर सेना एवं पहली यूनियन को आदेशित करना।  यह संस्था अपना लश्कर अलग से भी रखती है।  
३- पाकिस्तानी सेना।  यह सेना अपने फैसले दूसरी यूनियन के आधार पर लिया करती है।  दूसरी व पहली यूनियन की रक्षा करना इसका मुख्य उद्देश्य है। यही कारण है कि मसूद अज़हर व अन्य आतंकियों को सेना के कैंप, हॉस्पिटल आदि में पनाह मिल जाया करती है। 

इस प्रकार हम देखते हैं कि सेना यूनियन १ व यूनियन २ दोनों की हर जां मदद व रक्षा करती है।  यूनियन १, प्रधानमन्त्री आदि एक प्रकार से हाथी के दिखाने वाले दांत की भांति हैं क्योंकि इनको केवल बाहरी सियासत से बातचीत आदि करने के लिए बनाया जाता है।  ये ही किसी भी मुद्दे की व्याख्या करने के माध्यम हैं। इनको पता है कि यूनियन २ की गतिविधियां आतंक की सिद्ध हो रही हैं परन्तु वह झूंठ बोल बोल कर इस की रक्षा करते रहते हैं।  व उनको राजनीतिक सुरक्षा भी देते हैं। पाकिस्तान गणतंत्र होते हुए भी यहाँ पर चुनाव द्वारा चुने गए प्रधानमन्त्री की वो वैल्यू व स्ट्रेंथ नहीं जो यूनियन २ की है।  

यूनियन ३ यूनियन २ की रक्षा व मदद करता है तथा यूनियन २ यूनियन ३ की।  परन्तु सभी क़ायदे क़ानून व नियम बनाने वाला तो यूनियन २ व वास्तविक रूप देने वाला यूनियन १ ही है।  यूनियन ३ देश की रक्षा के लिए है तथा यूनियन २ पूरी दुनियाँ में पाकिस्तान की हुकूमत लाने के लिए।  इसी लिए यह यूनियन अफगानिस्तान, अमेरिका, ईरान, भारत आदि देशों में अपने फिदाईन सैनिक (नौकरी पाने वाले) तैयार करके भेजता है।  जिससे वे इन देशों को अपने अधीन कर सकें।  

अपने देश भारत को ही देख लो जैश ए मुहम्मद का मालिक मसूद अज़हर भारत का मालिक बनने के लिए अपनी सेना पाकिस्तान में बैठकर तैयार करता है।  जैश ए मुहम्मद का मतलब है - मुहम्मद की सेना। उसका उद्देश्य है कि पहले कश्मीर को अपने क़ब्ज़े में करके, कश्मीर को केंद्र बनाकर आगे की कार्यवाहियां करेगा और वह एक दिन लाल किले पर पाकिस्तान का झंड फहराएगा।  उसके मनसूबे इतने ऊँचे हैं।  ये संस्थाएं यूनाइटेड नेशंस की चोरी चोरी अपने कार्यों को अंजाम दे रही हैं।  कश्मीर के नवयुवकों को नौकरी का भुलाम्बा देकर वह कश्मीर के मुसलामानों में इतना ज़हर भर रहा है कि अल्लाह के नाम पर, जिहाद के नाम पर उनमें से कुछ को तनख्वाह शुदा फिदायीन बना देता है।  वो यह भूल गया की कश्मीर हरी सिंह नलवे का था और भारत हम आर्यों का पहले ही से रहा है।  वे फिदायीन आतंक फैला कर भारत को मजबूर करना चाह रहे हैं कि भारत इन आतंकियों के लिए कश्मीर को फ्री छोड़ दे।  ऊपर से धारा ३७०। यह लश्कर कश्मीर को पकिस्तान का अंग बनाकर पुरे भारत पर पकिस्तान का कब्ज़ा करवाने का नापाक मनसूबे लिए बैठा है।  बल्कि इस लश्कर का असली उद्देश्य ही भारत विजय है, पकिस्तान के लिए।  आतंकी हमले का उद्देश्य होता है कब्ज़ा, परन्तु भारतीय सेना, सी अर पी ऍफ़ व पुलिस इतनी मज़बूत व सतर्क है कि हर जगह, हर बार उनका नापाक मंसूबा नाकाम हो जाता है।  और उड़ जाती है कि आतंक फैलाया गया था ।  परन्तु ये आतंक नहीं फैलाना चाहते बल्कि कब्ज़ा करना चाहते हैं।  लेकिन वह कब्जे की कोशिश हर बार आतंकी घटना मात्र बन कर रह जाती है, हमारे सुरक्षा बलों की बहादुरी के कारण।  

वास्तव में पाकिस्तान में उस संगठन के लीडर से लेकर गाज़ी व अन्य बी व सी लेवल के आतंकियों तक सभी सदस्य इस संस्था (लश्कर) के सैनिक हैं। 

इसी प्रकार अलग अलग देशों को पकिस्तान के द्वारा जीते जाने के उद्देश्य से अलग अलग लश्कर (संस्थाएं) बनी हुई हैं पाकिस्तान में। 

भाइयों बहनों! क़ुरआन के अनुसार ये लश्कर (आतंकवादी संस्थाए, पाकिस्तान में) पूरी दुनियां में पाकिस्तान की हुकूमत लाना चाहते हैं या ये कहो कि मुसलमानी हुकूमत।  

गुरुदेव ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त जी महाराज (श्रृंगी ऋषि) ने १९८७ से पहले ही एक प्रवचन में भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यह धर्म २१ वीं सदी के प्रारम्भ के काल में समाप्त हो जायेगा मात्र पुस्तक ही बचेंगी।  और  २०२० के आसपास वह समय आ गया है। यह कार्य आर्य समाज विचारधारा के माध्यम से होना है और अवश्य ही होगा।  ॐ।

वेद कहता है कि वैद्यों को नमन , अध्यापकों को नमन, नेताओं को नमन, साधुओं को नमन, किसानों को नमन, वकीलों को नमन, जवानों को नमन, व्यापारियों को नमन यहाँ तक कि दुष्टों को भी नमन परन्तु दुष्टों को हाथ जोड़कर नहीं डंडे से नमन।  अर्थात दुष्टों को दंड दिए बगैर छोड़ना नहीं चाहिए।  इन आतंकवादियों को गोलियों से नमन।  

इनका इलाज मात्र गोली है।  ॐ शांति: शांति: शांति:। 

वन्दे मातरम।  भारत माता की जय।

मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019

पकिस्तान अल्लाह ने बनाया??

 पकिस्तान अल्लाह ने बनाया??

"पकिस्तान को अल्लाह ने सिर्फ इसलिए बनाया था" - एक पाकिस्तानी
आजकल एक वीडियो वायरल हो रहा है जिस में एक बंदा कह रहा है कि पकिस्तान अल्लाह ने बनाया। शायद वह पकिस्तान का ही मुस्लिम बंदा है। यही विषय मेरी पोस्ट का मुख्य मुद्दा है। 

हमारे वैदिक काल के इतिहासकारों द्वारा यह तथ्य स्पष्ट है कि महाराज पृथु ने सर्वप्रथम रहने के लिए ज़मीन को झाड़ झंकाड़ व पेड़ पौधों से मुक्त करवाया और काट छांट करवाई व भूमि को इकसार करवाया था। उन्ही के नाम पर इस भूमि का नाम पृथ्वी पड़ा। इस बात को लगभग दो अरब साल से कुछ ही कम समय हुआ है। 

जब परमात्मा ने इस पृथ्वी की रचना की थी तो यह उबड़ खाबड़ थी और अधिकतम भूभाग पेड़ पौधों से भरे होने व जल आदि से भरे होने के कारण से रहने के योग्य नहीं था।  इसीलिए पृथु महाराज को यह कार्य करना पड़ा था।  इस कार्य को बहुत से मानवों ने दिन रात मेहनत करके किया था तब। हाँ पर्वत वगैरह तो परमात्मा ने शुरू में ही तैयार कर दिए थे।  यह तथ्य तो सत्य है परन्तु पृथु ने रहने योग्य बनवाया।  यहाँ तक कि जितनी भी मुख्य नदियाँ है यह भी प्राचीनतम राजाओं ने लम्बी समय तक खुदाई करवा करवा कर उस समय स्थापित की थीं।  भला बिना मानव पुरुषार्थ के कहीं यह कार्य हो सकते हैं।

आर्य लोग सर्वप्रथम त्रिविष्टप नाम की जगह से इसी आर्यावर्त (भारत) में आये थे क्योंकि सृष्टि के प्रथम मानवों की रचना परमात्मा ने इसी स्थान पर की थी।  आजकल यह स्थान तिब्बत नाम से जाना जाता है।  इसी लिए आर्यों के नाम पर भारत का नाम आर्यावर्त था।  इस आर्यावर्त को आर्यों ने बसाया था।  और असुर लोग अन्य दिशाओं में चले गए थे

अब ये बताओ पाकिस्तान को अल्लाह ने अगर बनाया है? तो अल्लाह कोन है? महाराज पृथु जिन्होंने भूमि को इकसार किया था।  या मोहम्मद अली जिन्ना ही अल्लाह था जिसने पाकिस्तान की मांग की थी और अब जन्नत में रह रहे हैं।  या इस व्यक्ति का यह मतलब है कि महात्मा गांधी ही अल्लाह थे जिनकी वजह से पकिस्तान बना जो अब जन्नत में रहने चले गए हैं।  

कल को ये महाशय ये न कहने लगें कि जैश ए मुहम्मद आदि दहशतगर्द आतंकी संगठन भी अल्लाह ने बनाये कोई यह भी कहेगा कि हमारा घर भी अल्लाह ने बनाया, घर की ईंट भी, कुर्ता पायजामा और कुर्ते का बटन भी अल्लाह ने बनाया।  

इस व्यक्ति की बुद्धि किस प्रकार की है कि कोई तर्क संगत , या जायज़ बात ही नहीं समझ सकती। 

ऐसे तो हम भी कह सकते हैं कि  भारतीय फौज भी भगवान् ने बनायी, पकिस्तान को भी भगवान् ने बनाया और आतंकवाद का अंत करने के लिए, पुलवामा के शहीदों का बदला लेने के लिए सेना पकिस्तान को तबाह करेगी वो भी भगवान् ही कराएगा।  भला कोई तुक है कि पकिस्तान को अल्लाह ने बनाया। 

१९४७ से पहले तो अल्लाह ने नहीं बनाया था तो क्या १४ अगस्त १९४७ को अल्लाह आया था पकिस्तान बनाने के लिए।  कोई प्रूफ है तुमने देखा था क्या या तुम उन अंग्रेजों को ही अल्लाह मानोगे जिन्होंने सच में ही बंटवारा करवाया था। 

अगर पाकिस्तान को भी अल्लाह ही बनवाता है तो बंदूक , कपडे सिलने का काम, मकान चिनने का काम, रोटी बनाने का काम, और रोटी खाने का काम भी अल्लाह कर रहा है इससे यह सिद्ध होता है।

तो भाई ये बुद्धि है पाकिस्तानी लोगों की।   

मैं उसके कहे इस तथ्य की निंदा करता हूँ और तर्कश: उसकी कही इस बात का खंडन कर उस बात को ख़ारिज करता हूँ। सिद्ध हुआ की उसका कथन अक्षरशः सफ़ेद झूँठ है। 


आपका 
ब्रह्मचारी अनुभव आर्य

रविवार, 17 फ़रवरी 2019

भारत के अमर शहीदों के लिए शांति यज्ञ # पुलवामा

 भारत के अमर शहीदों के लिए शांति यज्ञ 


पुरवामा, कश्मीर में शहीद 40 अमर वीर  जवानों  के लिए आर्य समाज में आज स्वामी सत्यानन्द जी के ब्रह्मत्व में शान्ति यज्ञ किया गया। ब्र० अनुभव शर्मा उद्गाता व श्री रणधीर सिंह आर्य सपत्नीक यजमान रहे। यज्ञ साधिका समीति की बहनों ने भी यज्ञ में शिरकत की ।  पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए व आतंकियों की निन्दा की गई।
ग्राम के सभी वर्ग के लोगों ने इस यज्ञ में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस यज्ञ में ग्राम के विभिन्न परिवारों ने घृत, सामग्री आदि पदार्थ समर्पित किया। सभी ने भारतीय फौज के लिए परमात्मा से प्रार्थना की व यज्ञ अमर शहीदों व वर्तमान सेना को समर्पित किया।  अमन सिंह, प्रकाश वती जी, संतोष जी, वंशिका, सरोज जी, नैपाल सिंह, सुनील कुमार, हितांश आदि यज्ञ में उपस्थित थे।

परमात्मा उन अमर शहीदों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें व उनके परिवार को उनकी भौतिक अनुपस्थिति से जूझने की क्षमता प्रदान करें यह उद्बोधन स्वामी सत्यानंद जी ने दिया।  उन वीरों की शहादत पर उनकी आंसू निकल आये।  उन्होंने हिन्दू जाति के सभी तबकों को आपस में मिल जुल कर, बुराइयों से दूर हो, देश के लिए महान व ऊँचे कार्यों को करने की सलाह दी।

अनुभव शर्मा ने बताया जैश टाइप आतंकी प्रशिक्षक भारत के मुसलमानों व अन्य पाकिस्तान के मुसलमानों को जन्नत व ७२ हूरों का लोभ देकर सिखाते हैं कि जा कुर्बान हो फिदाईन बन, और जब वह(उसका आत्मा)  अपने शरीर के परखच्चे उड़ा बैठता है तो शरीर में वापस आने की कोशिश करता है  परंतु सब कुछ खत्म हो जाता है। ना तो जन्नत मिलती और न ही अल्लाह। तब अल्लाह कहता है कि तूने वीरों व निहत्थों पर घात लगाया और कायराना पीठ पीछे हमला किया लिहाजा वह आत्मा भटकता रहता है। तब पता चलता है कि भारत ही तो जन्नत थी तब वह मोह वश व पाप के बोझ से तड़प तड़प कर जैश वगैरह को गाली देता हुआ भगवान के इशारे पर दोज़ख में सालों साल रह कबूतर, कुत्ता, सूवर और मुर्गा व बकरा बंन जमीन पर जन्म ले बार बार कटता है। जन्नत कहीं नहीं इसी ज़मीन पर है बाकी दोज़ख़ ही दोज़ख है। शुभ करम किए थे जो मानव बने और पाप कर कर के उसका फल भोगता ही है। किया कर्म भोगना ही पड़ता है ये परमात्मा और वेद का पत्थर की लकीर सा नियम है।

रणधीर सिंह आर्य ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित जैश की आतंकी साजिश के द्वारा कराऐ इस कायराना हमले के लिए इसकी भर्त्सना की और आर्य वैदिक सिद्धांत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि लोग आर्य समाज से जुड़ जाएं तो जीवन में हर क्षेत्र में उपलब्धि हांसिल कर सकते हैं और दुष्ट कर्मों से दूर रह सकते हैं । और कहा कि 1857 की क्रांति से लेकर 1947 तक व आज भी यह सिद्धांत सभी का पथ प्रदर्शन करता रहा है उन्होंने सभी से आर्य वैदिक सिद्धांत से जुड़ने का आह्वान किया।



जय हिन्द
वन्दे मातरम्
भारत माता की जय।

बुधवार, 23 जनवरी 2019

8 नवम्बर 2016 की नोटबंदी

सभी रीडर्स सोचते होंगे कि सम सामायिक विषयों पर आप कुछ नहीं लिखते आज की पोस्ट इसी विचार से लिखी गयी है। 

8 नवम्बर 2016 की नोटबंदी रात आठ बजे उदघोषित हुई परन्तु लगभग एक वर्ष पहले ही इस विषय में उद्घोषणा कर दी गयी थी कि यदि किसी के पास काला धन है तो उसे अपने अकाउंट में जमा कर देवें।  जैसा कि एक वीडियो में मोदी जी खुद कह रहे थे मन की बात में। 

१००० व ५०० के नोटों का विमुद्रिकरण हमारे देश के लिए एक सुखद भविष्य को लेकर आएगी ऐसा पूर्वानुमान लगाकर यह प्रक्रिया की गयी थी। 

नोटेबंदी से दुःख आम जनता को हुआ तो परन्तु यह क्षणिक दुःख था परन्तु इस क्षणिक दुःख को उठाने के बदले दुष्ट, भ्रष्टाचारियों व आतंकवादियों की नीदें उड़ गयीं।  इस बात को हम नकार नहीं सकते। 

आतंकवादियों पर पकिस्तान में छपी भारतीय मुद्रा १००० व ५०० के नोटों के रूप में हुआ करती थी जिससे वे अपना खाना, पीना व अपनी आपराधिक गतिविधियों को भली भाँति अंजाम दे सकें।  नोटबंदी से पाकिस्तान में छपी भारतीय मुद्रा, आतंकवादियों का धन, भारत के मार्केट में उतारी नकली करेंसी, भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोरों पर एकत्रित जमा काला धन जो अधिकतम बड़े नोटों के रूप में था ८ नवम्बर २०१६ को ८ बजे के बाद वहीँ के वहीँ डैड हो गया।

और इसके फल स्वरुप आम जनता को लाइन में लगने का कष्ट सहना पड़ा, कई दिनों तक।  मेरे पास भी १००० के दो नोट और ५००-५०० के तीन नोट कुल ३५०० रुपये थे।  मैंने भी कई दिनों बाद अपने खाते में जमा किये।

आम आदमी को नोटबंदी से कुछ किल्लत अवश्य उठानी पड़ी परन्तु इसका फल इतना महान हुआ कि आतंकवादी निःसहाय हो गए कुछ देश द्रोहियों ने उनकी सहायता अवश्य की होगी।  देखो! एक खुंखार दुष्ट को माफ़ करना, उसे सहायता देना, बदले में बहुत से अन्य निरीह लोगों के साथ अन्याय व हिंसा कहलायेगा जिनको वे लोग निकट भविष्य में अपना ग्रास बनाने जा रहे हों।  इसलिए ऐसे लोगों को यथोचित भरपूर दंड देना व मृत्यु दण्डादि देना भी अहिंसा का ही एक अंग है।  अर्थात आप ने एक को मारकर अन्य अनेक भविष्य के पीड़ितों के साथ अहिंसा की।  तो यह एक अहिंसा ही है।

वैद्यराजों को नमन, गुरुओं को नमन, वकीलों को नमस्ते, नेताओं को भी नमस्ते, किसानों को नमस्ते, साधुओं को नमस्ते व सिंहों को भी नमस्ते व दुष्टों को भी नमस्ते भाई सभी को नमस्ते।  परन्तु दुष्टों को हाथ जोड़कर नहीं, करबद्ध नहीं, डंडे से नमस्ते।  यह भी वेद का एक आदेश है भाइयों बहनों! और अहिंसा भी।

 आतंकियों के धन के साथ, आतंकी देश (पकिस्तान) में छपी भारतीय मुद्रा भी डैड हो गयी। इन लोगों की फ्यूचर प्लान पर पानी फिर कर रह गया।

आज मोदीराज में आतंकी हमलों की संख्या नगण्य है।  प्यारे भाइयों बहनों! इस प्रकार यह नोटबंदी देश हित पर आधारित थी।  भला जो नोटबंदी जैसी घटना को भी भ्रष्टाचार कहते हैं वे देशद्रोही और राक्षस क्यों न माने जाएँ। यदि किसी महापुरुष के विषय में तथ्य को बिना जाने, परखे हम कुछ भी कह देते हैं तो उससे हमारे अपने ही पुण्य क्षीण होते हैं।  अपना ही आत्म बल नष्ट होता है।  अतः किसी का विरोध बिना तथ्य को परखे मात्र अनुमान के आधार पर करना कोई उचित बात नहीं।

नोटबंदी ही है, और विदेशों में बनाये गए समकालीन पी० एम० के भारत के लाभ हेतु सम्बन्ध ही हैं कि आज यू०एन०ओ० में चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन  व अमेरिका के साथ साथ भारत भी इस आर्गेनाईजेशन का सदस्य है। वोट (१८७/१९० ) द्वारा यह एक अस्थाई सदस्य है।  इसमें कुल १५ सदस्य होते हैं जिसमें पाँच स्थाई और १० अस्थायी सदस्य होते हैं जिन्हेँ वोट के द्वारा चुना जाता है।

UNO  एक तरह से इंटरनेशनल असेंबली है जो शान्ति व नियम बनाने का कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करती है।  उसका मेम्बर बनकर हमारा देश अंतर्राष्ट्रीय कानून व नियमों में भी बनाने व पास करने का अधिकार रखता है।  तो भाई यह सब मोदी जी की अथक कर्मशीलता, लगन, बुद्धि व देश हित की भावना के कारण ही है।

सही को ग़लत और ग़लत को सही कहने वाला मुर्ख है जो अपने को डाल पर बैठा कर डाल की लकड़ी ही काट रहा है  मात्र और कुछ नहीं।

नोटबंदी वह हथियार था जो शुरू में दुःख व बाद में अथाह सुख का हेतु हुआ।  धन्यवाद देता हूँ मैं नोटबंदी का निर्णय लेने वाले प्रधानमन्त्री जी और उनके सहयोगियों को।

आज हमारी सेना पर आधुनिक हथियार हैं. भारतीय सेना दुनिया की लिस्ट में चौथे नंबर पर है।  देश की सुरक्षा तो अनिवार्य थी वरना देश ही न रहता तो फिर आम नागरिक का जीवन ही कहाँ बचता।  देश पर आने वाले संकट को रोका गया है इन पांच सालों में।  अर्थ व्यवस्था में भी भारत सातवेँ नंबर पर आ चुका है।  जिस संविधान में गाँव के लिए, किसानों के लिए कोई कानून, कोई विधान न था उन गाँवों के लिए भी बहुत कुछ किया।  भाई गाँव के लिए १० काम करने थे मोदी जी को चलो एक तो किया।  हम नहीं मानते कि ९ काम नहीं किये हम मानते हैं कि एक काम तो किया पुरानी सरकार तो गांव को कुछ मानती ही नहीं थी।  धन्य है निस्वार्थ देश भक्ति मोदी जी की।


जय जवान जय किसान मोदी जी के कर्म में है।

आपका ब्रह्मचारी अनुभव आर्य
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