महाभारत काल के बाद का आर्यावर्त भाग - 11
रूढ़िवादी काल
भगवन्! इस लोक में रूढ़िवाद है जैसा मैंने आपसे वर्णन किया था यहाँ कोई मुहम्मद को मानने वाला है, कोई ईसा को मानने वाला है कोई दयानन्द को मानने वाला है और कोई महात्मा शंकर को।
मेरे प्यारे ऋषि मंडल! मैं पुनः से एक वाक्य कहा करता हूँ कि बेटा! तुम इसे रूढ़िवाद स्वीकार कर लो परंतु जा भी ऊँचा मानव आता है वह कोई न कोई वेद के अंग को लेकर ही चलता है। कोई सन्यासी उच्चारण करता है कि भाई राष्ट्र में ऊँची विद्या होनी चाहिए, तो बेटा! यह भी वेद का एक पवित्र अंग बन जाता है। कोई मानव यह कहता है कि किसी दूसरे मनुष्य को अपने अधीन बनाना है। यह कोई वेद का संदेश नहीं है। जब बेटा! इस प्रकार के विचार कोई भी मानव देता है तो वह वेद के एक न एक अंग को लेकर चलता है। बेटा! एक समय तुमने मुझे मुहम्मद और ईसा की चर्चा प्रकट कराई और तुमने वर्णन किया कि ईसा आयुर्वेद के सिद्धांत को लेकर चला, आयुर्वेद से चिकित्सा करता हुआ, ब्रह्मचर्य का पालन करता, उनमें कोई सूक्ष्मता हो सकती है परंतु वह वेद के कोई न कोई अंग को लेकर चला। आगे संसार अपनी बुद्धि के अनुकूल रूढ़िवाद में चला जाए तो बेटा! वेद का कोई दोष नहीं और न यथार्थ पुरुष का कोई दोष है। आगे मुहम्मद के विषय में तुमने एक चर्चा निर्णय की कि जहाँ उनकी जन्मभूमि थी वहाँ अप्रिय वस्तुओं को पान करना, प्रत्येक गृह में वज्रों के देवालय, द्रव्य के बदले अधिक द्रव्य लेना आदि, उन सबका एक आदेश देने वाला व्यक्ति हुआ वह कोई न कोई वेद के अंग को लेकर चला। यह हो सकता है कि राष्ट्रवाद में उनकी प्रवृत्ति अधिक रही हो और आगे रूढ़िवाद में चले जायें तो उसमें वेद का काई दोष नहीं।
इसी प्रकार बेटा! तुमने महात्मा महावीर की चर्चा प्रकट की वह अहिंसा परमोधर्मः का नाद लेकर चले, तो यह ध्वनि वेद में आती है। अब रही यह बात कि आगे चल करके उनके मानने वाले रूढ़िवाद में चले गए तो बेटा! वेद का कोई दोष नहीं और न वेद के किसी अंग का कोई दोष है। इसी प्रकार आगे तुमने वर्णन कराया कि महात्मा बुद्ध भी अहिंसा परमोधर्मः को लेकर चले, उनके जीवन में, उनकी लेखनी में कोई सूक्ष्मता हो सकती है परंतु उनका संकेत था वह वेद का था और वह वेद के संकेत को लेकर चले। इसके पश्चात् जैसा तुमने वर्णन कराया महात्मा शंकराचार्य, त्रैतवाद को लेकर चले। उन्हें महर्षि कह दो, महापुरुषों की उपाधि दे दो, कुछ भी कह दो, परंतु वह वेदान्त को लेकर चले उन्होंने वेद के सर्वशः अंग को अपनाया। आगे चलकर उनको मानने वाले उनके इतने गम्भीर विषय में न जाकर रूढ़िवाद में चले गये। इसमें वेद का कोई दोष नहीं। इसी प्रकार महात्मा दयानंद की तुमने चर्चा प्रकट की कि वह वेद का संदेश लेकर चले। त्रैतवाद को लेकर के चले, वेद के प्रत्येक अंग को लेकर के चले। आगे चलकर उनकी मान्यता वाले रुढ़िवादिता में आ जाएँ तो इसमें दयानंद जी या वेद का कोई दोष नहीं। इसी प्रकार तुमने महात्मा नानक की चर्चा की। महात्मा नानक एक वाक्य को लेकर के चले कि राष्ट्रवाद का कल्याण होना चाहिए। मानवता ऊँची होनी चाहिए, किसी मानव का, किसी जीव का हनन नहीं करना चाहिए। उसी संकेत को लेकर चले। यदि आज उनकी मान्यता वाले रूढ़िवाद में आ जाएं तो बेटा! इसमें महात्मा नानक का कोई दोष नहीं। वह वेद के किसी अंग को लेकर चले यह दोष तो मानने वालों का है। देखो, वेद सार्वभौमिक है जितने भी महापुरुष होते हैं वेद के किसी अंग को अपनाया करते हैं।
संदर्भ ग्रंथ-
महाभारत एक दिव्य दृष्टि
(पूज्यपाद ब्रह्र्षि कृष्णदत्त जी द्वारा प्रकथित प्रवचनों से महाभारत के विषयों का संकलन) प्रकाशक ः वैदिक अनुसंधान समिति (पंजीकृत)
शेष भाग अगली कड़ी में
आपका
ब्रह्मचारी अनुभव आर्यन्
मेरा नाम लिलियन एन है। यह मेरे जीवन का बहुत खुशी का दिन है क्योंकि डॉ. सगुरू ने अपने जादू और प्रेम मंत्र से मेरे पूर्व पति को वापस लाने में मेरी मदद की है। मेरी शादी को 6 साल हो गए थे और यह बहुत भयानक था क्योंकि मेरा पति वास्तव में मुझे धोखा दे रहा था और तलाक की मांग कर रहा था, लेकिन जब मुझे इंटरनेट पर डॉ.सागुरु का ईमेल मिला कि कैसे उन्होंने कई लोगों को उनकी पूर्व प्रेमिका को वापस लाने में मदद की है और रिश्ते को ठीक करने में मदद करते हैं और लोगों को अपने रिश्ते में खुश रहने में मदद करते हैं। मैंने उन्हें अपनी स्थिति बताई और फिर उनसे मदद मांगी लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरे मामले में मेरी मदद करेंगे और अब मैं जश्न मना रही हूं क्योंकि मेरे पति अच्छे के लिए पूरी तरह से बदल गए हैं। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहता है और मेरी उपस्थिति के बिना कुछ नहीं कर सकता। मैं वास्तव में अपनी शादी का आनंद ले रहा हूं, क्या शानदार जश्न है। मैं इंटरनेट पर गवाही देता रहूँगा क्योंकि डॉ. सगुरु वास्तव में एक वास्तविक जादू-टोना करने वाले व्यक्ति हैं। क्या आपको सहायता की आवश्यकता है तो अभी ईमेल के माध्यम से डॉक्टर सगुरु से संपर्क करें:drsagurusolutions@gmail.com या व्हाट्सएप +12098373537 वह आपकी समस्या का एकमात्र उत्तर है और आपको अपने रिश्ते में खुशी महसूस कराते हैं। और वह इसमें भी परिपूर्ण हैं
जवाब देंहटाएं1 प्रेम मंत्र
2 पूर्व को वापस जीतें
3 गर्भ का फल
4 प्रमोशन मंत्र
5 सुरक्षा मंत्र
6 व्यापार मंत्र
7 अच्छी नौकरी का मंत्र
8 लॉटरी मंत्र और कोर्ट केस मंत्र।