रविवार, 26 मई 2019

दयानंद वैदिक यज्ञ भवन इस्माईलपुर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य

1- वैदिक सत्य सनातन धर्म की स्थापना
2- अपने हिन्दु धर्म की रक्षा हेतु सेवा













संस्थागत मुख्य बातें-

3- यह भवन किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं अतः स्वेच्छा से कोई भी इसका गलत प्रयोग नहीं कर सकता।
4- यह एक धार्मिक सेवा केन्द्र भवन ग्राम की संपत्ति है और उसका हर कार्यकर्त्ता सेवक है।
5- प्रत्येक ग्रामवासी इसमें स्वेच्छा से जुड़कर सेवा प्रदान कर सकता है।
6- इसका प्रत्येक सदस्य बड़ा या छोटा नहीं सभी इसमें सेवा देने और लाभ लेने के हकदार हैं।
7- मुख्य समिति इस की प्रहरी है।
8- मुख्य समिति की 3 अन्य समीतियाँ हैं जो अपने में स्वतंत्र भी हैं और मुख्य समिति की सहायक भी।
9- आदि ब्रह्मा से लेकर के जैमिनि मुनि पर्यन्त जो भी सिद्धांत ऋषि मुनियों ने प्रतिपादित किया है उसकी रक्षक है।

रविवार, 19 मई 2019

आर्य समाज इस्माईलपुर में समिति का पुनर्गठन

प्रैस विज्ञप्ति 



समिति पुनर्गठन  हेतु ग्राम की आम जन सभा 

कल दिनांक 19 /5 /2019  दिन रविवार को आर्यसमाज इस्माईलपुर में श्री रमेश आर्य, मंत्री आर्य प्रतिनिधि सभा, बिजनौर की अध्यक्षता में वार्षिक मनोनयन हेतु एक आम सभा की गयी।  जिसमें सर्वसम्मति से डा०  श्री लाखन  सिंह को प्रधान, श्री अशोक कुमार (पू ० ग्राम प्रधान) को मंत्री, श्री अरविन्द कुमार को कोषाध्यक्ष व श्री अनुभव शर्मा को आडीटर चयनित किया गया।  इस प्रकार आर्य समाज इस्माईलपुर की समिति का पुनर्गठन किया गया और कुल 51  सदस्यों की  कार्यकारिणी का गठन किया गया। रणधीर सिंह (जिला आर्यसमाज कार्यकारिणी जलीलपुर),  योगेश्वर सिंह, महीपाल फौजी, प्रमोद कुमार, मनिया, राजेंद्र सिंह, बिट्टू, संजय टेलर, कल्याण सिंह, राजेंद्र सिंह, वेनिस, राजवीर सिंह, संतोष देवी, विमला देवी, श्रीमती तपराज सिंह,  सुरेंद्र सिंह, पदम् सिंह,  सतेंद्र तोमर आदि सभी मुख्य ग्रामवासी उपस्थित थे।  

आपका 
अनुभव शर्मा 
(ऑडिटर आर्य समाज इस्माईलपुर )


अमर उजाला।  २१-०५-२०१९ की कटिंग

शनिवार, 18 मई 2019

Amazon insults Hindus

क्या #Amazon इस्लाम और ईसाइयत के पवित्र चित्रों को इस रूप में प्रस्तुत करके उनका अपमान करने का दुस्साहस कर सकता है ?⠀ हमेशा भारत के ही पूर्वज देवी देवताओं का अपमान क्यों?⠀
#अमेजनमाफीमांगे  #AmazonInsultsHindu⠀
#boycottamazon

पूरी विधि को यू ट्यूब पर सीखें-

https://youtu.be/SmaMCRmymq4

सोमवार, 6 मई 2019

वैदिक ग्रंथों में मिलाये गए विवादित श्लोकों के संशोधन हेतु सहायक सामग्री

मैं आपको एक ऐसे अद्भुत वक्ता के विषय में बताना चाहता हूँ जो कि सतयुग में श्रृंगी ऋषि के रूप में थे और इस भयंकर कलयुग में एक साधारण जुलाहे के घर खुर्रम पुर सलेमाबाद, मोदीनगर, गाजियाबाद में जन्म लिया।  एक विशेष समाधि अवस्था में उनकी पूर्व जन्मों की याद वापस आ जाती थी और वो वेद मन्त्रों के साथ साथ रामचंद्र जी व कृष्ण जी के विषय में सही सही घटनाएं बताया करते थे बचपन से ही।  मैं १९८६ से ही उनका साहित्य पढ़ा करता हूँ।  पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी रामदेव जी महाराज से अनुरोध है कि जो कुछ भी मैंने अपनी पोस्ट में लिखा है वह ही हमारा वास्तविक इतिहास है निम्न पोस्ट्स में और यह मैं खुद गवाही के साथ कह रहा हूँ कि यदि इस इतिहास को सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाए तो हमारा वास्तविक इतिहास सुसज्जित होगा हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों का पोषक है ये महाभारत काल के बाद का इतिहास।  जैसा कि मनुस्मृति, महाभारत  व भगवत गीता में संशोधन की आवश्यकता है  उसी प्रकार से रामायण को भी २४०० साल पहले दूषित किया जा चुका है और यह कृष्णदत्त जी महाराज के समाधी अवस्था में दिए प्रवचनों के द्वारा सहायता लेकर कर्म यदि किया जाय तो परिशोधित संस्करण सामने आएगा समाज के।  यदि इनको नहीं जोड़ा जाय तो बहुत कुछ परेशानियां व त्रुटियां रह जानी संभव हैं।  यदि इनको पहले से ही अध्ययन में लाया जा चुका है तो बहुत बहुत धन्यवाद सभी योगपीठ के भाईयों, आचार्य जी और गुरुदेव बाबा रामदेव जी महाराज का।  



मैंने हैडिंग के साथ अपने ब्लॉग के लिंक दिए हैं कृपया योगपीठ में इन पोस्ट्स को देखकर सत्य असत्य का निर्णय कर स्वामी जी को अवश्य दिखा देवें।  



जातिवाद का प्रारंभ:, वाममार्गी सम्प्रदायः


पांडव वंश के शासक,  महात्मा बुद्ध्

महात्मा शंकराचार्य


ईसा मसीह 

महात्मा मुहम्मद भाग १ 


महात्मा मुहम्मद भाग २ 

गोस्वामी तुलसीदास, महात्मा नानक, महर्षि दयानन्द जी भाग १ 

महर्षि दाह\दयानन्द भाग २ 

महर्षि दयानन्द भाग ३ 

साहित्य और चरित्र को शुद्ध बनाओ व रामायण और महाभारत के पात्र 

रूढ़िवादी काल 

संस्कृति पर आघात, जर्मनी की प्रगति वेद से 


संदर्भ ग्रंथ-

महाभारत एक दिव्य दृष्टि 
(पूज्यपाद ब्रह्र्षि कृष्णदत्त जी द्वारा प्रकथित प्रवचनों से महाभारत के विषयों का संकलन) प्रकाशक :  वैदिक अनुसंधान समिति (पंजीकृत)


पश्चात इनका यदि पूरा साहित्य चाहिए तो उनकी वेबसाइट का एड्रेस यह है - http://shringirishi.in/



आपका अपना 
अनुभव शर्मा 
(सोशल योगी , २०-२१ अप्रैल,  २०१९ शिविर )

शनिवार, 4 मई 2019

परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

मैं किसी राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं आया हूँ। मैं अपने धर्म और संस्कृति की सही व्याख्या करने के लिए आया हूँ।
_मैं देश, धर्म, संस्कृति, न्याय, समानता, स्वाधीनता, आर्थिक, सामाजिक न्याय के साथ खड़ा हूँ। मैं देश के करोड़ों लोगों का हित जिससे सधता हो ऐसी विचारधारा के साथ खड़ा हूँ। मैं हमेशा यह कहता हूँ कि मैं व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व का, चित्र नहीं चरित्र का उपासक हूँ और आज भी मेरा यही स्टैंड है।_

हिंदू धर्म, संस्कृति, सभ्यता, अपने पूर्वजों के चरित्र, इतिहास, साहित्य और अपने देश के चरित्र पर बहुत बड़ा आक्रमण करके कम्युनिस्टों ने अपने अंत्येष्टि की नींव डाल ली है और राष्ट्रीय पाप किया है।

_भारत में रहने वाले कम्युनिस्टों के पूर्वज न तो लेनिन है न माओ है तो आप अपने पूर्वजों को गाली क्यों देते हो, उनको हिंसक, क्रूर क्यों बताते हो।_

मर्यादा पुरुषोत्तम राम और श्री कृष्ण ने एक भी निर्दोष की हत्या नहीं की है बल्कि सब प्राणियों के प्रति उन्होंने दया, उदारता का भाव रखा, सबका उद्धार किया और जिनको मारा भी उनको मारा नहीं उनको तारा क्योंकि पूरी मानवता के लिए खतरा बन गए थे। ऐसे महापुरुषों के चरित्र के ऊपर इस तरह से उनकी निंदा करना, उन्होंने बहुत बड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय पाप किया है और इसका फल इन कम्युनिस्टों को मिलेगा।

पूरी दुनिया में करीब 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की कम्युनिस्टों ने अपने राज्य, विचारधारा के विस्तार के लिए हत्याएं की है। क्या कभी कम्युनिस्ट इस बात को स्वीकार करेंगे कि हमने क्रूरता और हिंसा करके अपने कम्युनिज्म के विचार को फैलाया है।

- परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

गुरुवार, 2 मई 2019

ग्राम इस्माईलपुर का आर्यसमाज व भवन निर्माण हेतु दिए दान की सूचि

ग्राम इस्माईलपुर का आर्यसमाज व भवन निर्माण हेतु दिए दान की सूचि





हमारे गाँव में सहभोज (अछूतोद्धार हेतु) तथा आर्य समाज की शुरुवात जिन लोगो ने की वे इस प्रकार हैं - पण्डित श्री कश्मीरी लाल शर्मा, श्री भीम सिंह, श्री महाशय बलबीर सिंह, केसरी सिंह, श्री भीम सिंह, श्री फतह सिंह उर्फ़ काले सिंह, मुंशी  श्री कढ़ेरा सिंह, पंडित श्री थानी  सिंह , श्री मुकंदी सिंह, श्री लज्जाराम सिंह।  तथा आर्य समाज के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए जिन का विशेष योगदान रहा वे हैं - श्री फत्तू मुन्शी, श्री महावीर मिस्त्री , श्री महावीर सिंह तोमर पधान, श्री बुद्ध सिंह, श्री महाशय रामकरण सिंह, श्री सुरेश सिंह आर्य, श्री शूरवीर सिंह, श्री नेपाल सिंह आर्य, श्री रणधीर सिंह तोमर, श्री राकेश आर्य, डा० श्री सहदेव सिंह .......... आदि।


१९३९ ईस्वी में इस आर्य समाज के भवन का निर्माण हुवा तथा यह ज्योति आर्य समाज अथाईं से यहाँ इस्माईलपुर गाँव में आई। ३ जुलाई २०१३ को आर्य समाज मंदिर भवन की पुनः नीव रखी गयी  तथा यह भवन तीन चरणों में पूरा होना है। प्रथम चरण में ३,७५,००० रुपये के लगभग इसमें लग चुके हैं। द्वितीय चरण में लगभग ३ लाख रुपये से अधिक लग चुके हैं।  हाल का लिंटर पड़ चुका है ११-१०-२०१८ को।  व बचे भाग का लिंटर २५-०१-२०१९ को पड़ा है।  और इस प्रकार कुल खर्च लगभग १० लाख रुपये का हुआ है अब तक।  बिल्कुल सही राशि भी अपडेट कर दी जाएगी। तृतीय चरण में ल्हिसाई के साथ साथ दान के पत्थर भी लगेंगे व बाथरूम, जीनों की ग्रिल आदि  से सम्बंधित काम होना है ।  द्वितीय चरण के अंत तक सबसे अधिक सहयोग के क्रम में -


(अपडेटेड दान सूची - १८ जनवरी २०१९  को)

1. श्री अरुण चौधरी पुत्र श्री प्रभु सिंह , बिजनौर (एक कमरे का निर्माण) (1,00,000 रु0),

2.  श्री सुरेश चन्द्र आर्य पुत्र श्री भीम सिंह, इस्माईलपुर(32,500 रु0)

3.  श्रीमती शशि प्रभा शर्मा पुत्री श्री कश्मीरी लाल शर्मा इस्माईलपुर(25,000 रु0), + (10,000 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५००० रु0 + 20000 रु0 + 10000 (approx.) = ७०००० कुल

4.  बहन रमा चौधरी पुत्री श्री महावीर सिंह(24,000 रु0) + २०,००० ( द्वितीय चरण  में)+ 5,000 रु० + ५००० रु० = ५४००० कुल

5.  श्रीं मयंक चौधरी पुत्र श्री विजयपाल सिंह(22,077 रु0),

6.  श्री पंकज चौधरी पुत्र श्री तेजपाल सिंह (20,000 रु0) + २५००० रुपये का सरिया (द्वितीय चरण में) + २८००० रुपये का सरिया = ७३००० रुपये  कुल

7.  श्रीमती प्रकाशवती देवी पत्नी श्री रमेश सिंह(13,000 रु0) + 5000 + ५००० = २३००० कुल

8.  डा० श्री नरोत्तम शरण शर्मा पुत्र श्री जानकी प्रसाद शर्मा(11,000 रु0) + ५००० रुपये = कुल १६००० रुपये

9.  श्री रणधीर सिंह तोमर पुत्र श्री हरवीर सिंह(12,701 रु0) + ५००० रु०=  १७७०१ कुल

10. श्री डॉक्टर लाखन सिंह पुत्र श्री चोखे सिंह(10,000 रु0), + (5000 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५१०० रु0 + १०,००० रू० = ३१००० कुल

11. श्री अशोक वर्धन पुत्र श्री लज्जाराम सिंह(6,100 रु0),

12. श्री राजपाल सिंह पुत्र श्री मुकन्दी सिंह (5,000 रु0) + (500 रु0, द्वितीय चरण  में) + १००० रु०= ६५०० कुल

13. श्री संजीव तोमर पुत्र श्री जयपाल सिंह (3000 रु०)

14, बहन गीतांजली शर्मा पत्नी श्री राजकुमार कौशिक मुरादाबाद, (२२०० रु० ) (कलश यज्ञशाला) + (5000 रु0, द्वितीय चरण  में) = ७२०० कुल

15. श्री अशोक कुमार (पू०प्र०) पुत्र स्व० श्री स्वरुप सिंह (२१०० रु० ) + (3000 रु0, द्वितीय चरण  में)+5100 रू०+800=11000 रू०

16. श्रीमती दयावती देवी पत्नी श्री रूपचंद सिंह तोमर(२१०० रु० ) + (500+200+200 रु0, द्वितीय चरण  में) + 1100/-+500/ = ४६०० कुल


17. श्री राजदेव सिंह तोमर पुत्र श्री रामू पधान जी(२१०० रु० )+ (2000, द्वितीय चरण  में) = ४१०० कुल


18. श्री हरवीर सिंह पुत्र श्री चोखे सिंह जी (२१०० रु० )


19. श्री हरवीर सिंह तोमर पुत्र श्री बलराम सिंह केलनपुर(२१०० रु० )


20. श्री तेजपाल सिंह पाल(२००० रु० )+ १००१ (द्वितीय चरण में ) = ३००१ कुल

21. श्री नेपाल सिंह पुत्र श्री बल्लू सिंह (1350 रु०)


22. श्री हरवीर सिंह पुत्र श्री नेमिशरण (1200 रु०)


23. श्री ओमपाल सिंह (Advocate) (1111 रु०) + (1011 रु0, द्वितीय चरण  में) + 200/- = २३२२ कुल

24. श्री बृजेश सिंह पुत्र श्री लक्ष्मण सिंह (1151 रु०) + ५००

25. श्री ईश्वर सिंह पुत्र श्री शिवप्रसाद सिंह (1101 रु०)

26. श्री ब्रह्मपाल सिंह पुत्र श्री सुमेर सिंह (1101 रु०) + (500/- द्वितीय चरण  में) = १६०१ कुल

27. स्व० श्री हरपाल सिंह पुत्र श्री लेखराज सिंह (1101 रु०)

28. श्री करन पधान पुत्र स्व० श्री शौनाथ सिंह (1100 रु०)

29. श्री तेजवीर सिंह पुत्र श्री परम सिंह मीरापुर (1100 रु०)

30. महिपाल सिंह पुत्र श्री मुकंदी सिंह मीरापुर (1100 रु०)

31. डा० श्री प्रभात चौधरी पुत्र श्री नरदेव सिंह बिजनौर (1100 रु०) + ११०० रू० = २२०० कुल

32. श्री सूर्यपाल तोमर पुत्र श्री जगदीश सिंह बिजनौर (1100 रु०)

33. श्री अमन चौधरी पुत्र श्री जोरावर सिंह (1100 रु०)

34. स्व० श्री यशपाल सिंह पुत्र श्री कढेरा सिंह (1100 रु०) + (1100 रु०, द्वितीय चरण  में)

35. श्री विश्वपाल सिंह त्यागी पुत्र श्री रामनाथ सिंह नायक नंगला (1100 रु०)

36. बहन सुनीति शर्मा पत्नी स्व०श्री ओमप्रकाश शास्त्री, चाँदपुर (1100 रु०) + 11000 (द्वितीय चरण  में) = १२१०० कुल

37. स्व० श्री महाराज सिंह पुत्र श्री नत्थू सिंह (1011 रु०)

38. डा० श्री सहदेव सिंह पुत्र श्री ओमपाल सिंह (1001 रु०)+१००० रु०

39. श्री कुशल पाल सिंह पुत्र श्री बुद्ध सिंह जी (1000 रु०)

40. स्व० श्री विकास शर्मा पुत्र श्री घनश्याम दत्त शर्मा चांदपुर (1000 रु०)

41. श्री संदीप चौधरी पुत्र श्री सोमदेव सिंह (1000 रु०) + (4100 रु०, द्वितीय चरण  में)**

42. श्री सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री छोटे सिंह (1000 रु०)

43. श्री विजय वीर सिंह पुत्र श्री रामनाथ सिंह (1000 रु०) + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)

44. श्री कल्याण सिंह पुत्र श्री फत्तू सिंह(1000 रु०)

45. श्री कान्ता प्रसाद धीमान पुत्र श्री नत्थू सिंह (1000 रु०)

46. श्री राजेंद्र शर्मा पुत्र श्री घनश्याम दत्त शर्मा (1000 रु०)

47. श्री ओमपाल सिंह (प्रधान) (1000 रु०)

48. डा० श्री मदन पाल सिंह पुत्र स्व० श्री धर्म वीर सिंह (1100 रु०, द्वितीय चरण  में) + ११०० रु0

49. श्री प्रेम राज सिंह चहला (2100 रु०, द्वितीय चरण  में)**

50. श्री वीर सिंह, जिला पंचायत सदस्य व शिव सेना अध्यक्ष बागड़पुर (1001 रु०, द्वितीय चरण  में)+ ११०० रू०
(He has announced to donate more for Arya Samaj)
 

51. इंजी0 श्री लाखन सिंह पुत्र श्री शेर सिंह (1600 रु०, द्वितीय चरण  में)
52.  डा० श्री नेतराम सिंह, चहला 500 + (1100 रु०, द्वितीय चरण  में)
53 . श्री चेतन शर्मा पुत्र श्री ओमप्रकाश शर्मा जमना वाले 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)+ 500 रु0
54. श्री विनोद कुमार शर्मा पुत्र श्री बाबूराम शर्मा 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५५. श्री वीर सिंह पुत्र श्री दयाराम सिंह 500 +  (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५६. श्री योगेंद्र कुमार शर्मा पुत्र स्व० श्री राम निवास शर्मा (हीमपुर वाले) चांदपुर, (1000 रु0, द्वितीय चरण  में) + २१०० रू०
५७. श्री राजवीर सिंह पुत्र श्री हरपाल सिंह 500+ (500 रु0, द्वितीय चरण  में)
५८. श्री गजेंद्र सिंह (संजय) पुत्र श्री चमन सिंह, बिजनोर 500 + (500 रु0, द्वितीय चरण  में) + ५०० रू०
59. श्री पवन माहेश्वरी, चाँदपुर  १६५० (द्वितीय चरण में )
60.  श्रीमति सीमा शर्मा पत्नी डा० श्री यज्ञदत्त शर्मा, चाँदपुर  २१०० (द्वितीय चरण में )
६१. श्रीमती संगीता देवी, चांदपुर , ११११ (द्वितीय चरण में )
६२.श्री  विनय कुमार, चांदपुर, ५ कट्टे सीमेंट (द्वितीय चरण में )
६३. श्री सुधीर कुमार गुप्ता, चांदपुर, ५ कट्टे सीमेंट (द्वितीय चरण में )
६४. श्रीमती मंजू अग्रवाल, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में ) 
६५. श्रीमती अंशु अग्रवाल, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में )
६६. श्री  अनुज गुप्ता, चांदपुर, १००० (द्वितीय चरण में )
६७. श्री शशांक कुमार , चांदपुर , १५००
६८. श्री कुंदन सिंह एम  डी इस्माइलपुर सोसाइटी , ११००
६९. श्री विपिन कुमार पुत्र प्रेमपाल सिंह १००० ईंटें
७०. श्री मुकेश कुमार प्रधान जी , इस्माइलपुर, ५१००
७१. श्रीमती सरोज देवी पत्नी श्री राजपाल सिंह डीलर १०००
७२. श्री सहदेव सिंह पुत्र स्व० श्री हरपाल सिंह , ११००/-
७३. श्री रौनी  कुमार पुत्र बहन श्रीमती सविता देवी १०००/-
७४. श्री मुकेश सिंह पुत्र चंद्र प्रकाश १० कट्टे सीमेन्ट
७५. बहन चारु शर्मा इस्माइलपुर, १००० रु0
७६. डा ० श्रीमती पूनम देवी पत्नी श्री घनश्याम दत्त शर्मा चांदपुर, २१०० रु0
७७. श्री दुर्गेश जी पुत्र श्री धर्मपाल सिंह , ११०० रु0
७८. डा० मनोज कुमार पुत्र  डा० श्री खूब सिंह जी चांदपुर, १०००० रु0
७९. डा० श्री यज्ञदत्त शर्मा पुत्र डा० श्री देवेंद्र कुमार शर्मा, ५००० रु0
८०. स्वामी ओमवेश जी महाराज , दारानगर गंज, ५१०० रू०
८१. राजीव दुबे पुत्र श्री डॉक्टर श्याम दुबे, बास्टा ११०० रू०
८२. श्री सुबोध जी, गोकुल नगर ११०० रू०
८३. श्री कपिल गोयल , गोकुल नगर, ११०० रू०
८४.श्री राजबहादुर सिंह, ईस्माइलपुर, ११०० रू०
८५. हीरा देवी नर्सिंग होम, चांदपुर, ११०० रू०
८६. श्री कुशलपाल सिंह पुत्र स्व० श्री धर्मवीर सिंह ५१०० रू०
८७. श्री अमित कुमार पुत्र स्व० श्री सुरेश चंद्र आर्य , २०००० रू०
८८. श्री बोनी कुमार पुत्र स्व श्री जगदीश सिंह पुत्र स्व श्री नत्थू सिंह, १००० रू०
८९. प्रभात सिंह पुत्र रमेश सिंह १००० रु०
९०.  गजेंद्र सिंह १००० रु०
९१. बहन चारु शर्मा पत्नी डा० मुनेश कुमार शर्मा मेरठ १००० रु०
९२. श्रीमती निर्मला देवी पत्नी स्व० सहदेव सिंह ११०० रु०
९३. चौधरी डा० शशांक पुत्र विजयवीर सिंह ५१०० रु०
९४. श्री अमन सिंह पुत्र श्री फतह सिंह ५१०० रु०
९५. श्री दीपक कुमार पुत्र श्री नेपाल सिंह आर्य ५००० रुपये
९६ विजय गोयल आर्य किरतपुर, (श्री रणधीर सिंह द्वारा),  २१००० रुपये
९७. श्री ज्ञानेंद्र सिंह इस्माइलपुर ५००० रुपये (रसीद बुक के बदले)
९८. श्री अनिल शर्मा पुत्र स्व० श्री जानकी प्रसाद शर्मा १००० रुपये
९९. श्रीमती सीमा शर्मा पत्नी श्री डा० यज्ञदत्त शर्मा ५००० रुपये
१००. वेद मंदिर, चांदपुर ५१०० रुपये
१०१. बहन आरती सिंह पुत्री श्री रणधीर सिंह आर्य  १००० रुपये
१०२. श्री शेर सिंह सैनी पुत्र स्व०  श्री नेमिशरण २१०० रुपये
१०३. श्रीमती कमलेश सैनी, विधायक, चांदपुर ५१०० रुपये
१०४. श्री राजवीर सिंह पुत्र श्री स्व० यादराम सिंह, १५०० रू०





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(ये नाम पूरा भवन बन जाने के बाद पत्थर पर खुद कर भवन में लगवाए जायेंगे। )


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तथा शारीरिक सहयोग श्री अनुभव शर्मा पुत्र श्री योगेश चन्द्र शर्मा, इस्माईलपुर तथा श्री नेपाल सिंह पुत्र श्री बल्लू सिंह, श्री उदयवीर सिंह पुत्र श्री राजपाल सिंह इस्माईलपुर, श्री राकेश सिंह पुत्र श्री करन सिंह, श्री सचिन कुमार तोमर पुत्र श्री राजदेव सिंह, सत्यम तोमर पुत्र श्री राजदेव सिंह, दीपक चौधरी पुत्र श्री नेपाल सिंह, सचिन तथा श्री संजीव कुमार पुत्र श्री रमेश सिंह इस्माईलपुर, श्री प्रेम राज सिंह चहला व बबली आदि का रहा। इस भवन के निर्माण में गाँव के प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग लिया गया है।
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**  द्वितीय चरण  के लिए उदघोषणा कर दी है।
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घोषणाएं:

१. श्री सुरेश सिंह आर्य जी ने प्रत्येक यज्ञ में २५,००० रुपये दान करने की उदघोषणा मार्च २०१५ के यज्ञ में कर दी थी। आदरणीय श्री सुरेश सिंह आर्य जी का हृदय की गति रुक जाने के कारण देहावसान २८ दिसंबर २०१७ को हो गया है।  सारे आर्य परिवार व पदाधिकारीगणों ने  इस दुःखद घटना पर शोक व्यक्त किया।  आर्यसमाज में भी इन महान आत्मा के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया व यज्ञ के पश्चात् मौन रखा गया।  इनके सुपुत्र श्री अमित कुमार जी ने इस घोषणा के अनुसार आगे भी आर्यसमाज को हरेक वेद पारायण यज्ञ पर दान देने की अपने पिताजी स्व० श्री सुरेश सिंह आर्य की इच्छा को बरक़रार रखने का वचन दिया है। 



२. श्री पंकज चौधरी जी पुत्र पूर्व ग्रामीण विकास मन्त्री स्व0 श्री तेजपाल सिंह ने ५१,००० रुपये का सरिया शेष भवन निर्माण के लिए देने की घोषणा कर दी थी।
5.40 कुन्तल सरिया 18-05-2016 को आया।
3.15 कुंतल सरिया 07-03-2017 को  आया।
8.55(5.40+3.15) कुन्तल सरिया की अनुमानित राशि - २५००० रु०। 
७.०५ कुंतल सरिया 18-01-2019 को। जिसकी अनुमानित राशि २८००० रुपये है।

इस प्रकार ५१००० के सरिया के एवज में माननीय पंकज जी ने कुल ५३००० रुपये का सरिया आर्य समाज को दे दिया है।



विशेष नोट : यदि किसी प्रकार की त्रुटि छपे मैटर में रह गयी हो तो मुझ (अनुभव शर्मा) से संपर्क कर लेवें।  मेरा ई मेल पता नीचे लिखा है। 


For Donation you may transfer fund on the following account number: 

Arya Samaj, Ismailpur
A/c No. : 0096000100526049
IFSC : PUNB009600
Punjab National Bank, Chandpur 
(Bijnor), U.P., India 

and inform on the following E-mail id:

anubhavsbgi@gmail.com
or 

Message on 
+91-9634053977



(अपडेटेड [दान सूची ] - १८  जनवरी २०१९  को)



आर्य समाज इस्माइलपुर के भवन से संबंधित

ओ३म्

ब्र० अनुभव शर्मा

आर्य समाज इस्माइलपुर

यदि आप ईमानदार हैं तो ईमानदारी का सबूत देना भी आवश्यक है वरना देशभक्त व सत्यवादी लोग भी आप  पर शक करने लगते हैं और झूठे लोगों का बोलबाला हो जाता है जो उन लोगों को फिर बड़ा कष्ट दिया करते हैं।  तथ्य है कि संसार में तो सत्य और झूठ साथ साथ चला ही करता है और सत्य को पहचानना सरल नहीं है।  अच्छे अच्छे धोखा का जाते हैं।  परन्तु बिना सत्य को पहचाने कोई यदि किसी पुरुषार्थी के लिए कोई भी दुर्वचन कहता है तो उसके खुद के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।  यह हमारे ऋषि मुनि कहते हैं।

बात आर्य समाज इस्माइलपुर के भवन निर्माण की है।  यह भवन साक्षात परमात्मा की कृपा का फल है। इस कार्य में सबसे अधिक शारीरिक  सहयोग मुझ अनुभव शर्मा का ही रहा है इस बात से शायद कोई अनभिज्ञ नहीं है इस्माइलपुर में।

सौ बात सुनार की और एक लुहार की।  इस भवन को बनाने में राज के रूप में सबसे अधिक काम हरवीर सिंह राज व पप्पू राज ने किया है।  हरवीर का कहना है कि यह आर्यसमाज की कुल बिल्डिंग लगभग 16 -17  लाख की खड़ी है।  मेरी माताजी ने जब हिसाब बताया तो लगभग 10 लाख रुपये से कुछ कम दान आकर इस बिल्डिंग में लगा है।  भला 16 - 17 लाख की बिल्डिंग मात्र लगभग दस लाख में तैयार हो गई।  ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे भी यह अधिकार नहीं था कि अगर कोई सामान भवन निर्माण का मंगवाना है और दो हज़ार का खर्च है तो दो हज़ार ही खर्चे के लिए मिला करते थे अधिक नहीं ।  मोटरसाइकिल की नोकिंग और पैट्रोल का खर्च मेरा अपना ही रहता था। 

और भाइयों बहनों दान इकट्ठा करने में समय,  किराये आदि को रुपये में जोड़ा जाए तो इस दस लाख को इकट्ठा करने में हम लोगों का कितना योगदान व खर्च और रहा होगा यह अंदाज आप लोग खुद लगा लेवें।

सारा हिसाब रसीद नम्बरों के साथ साथ रजिस्टर में मेरी माताजी ने लिखा हुआ है।  सन् 2013 से 2019 तक का सारा दान व खर्च रजिस्टर में है और जिज्ञासु के लिए हर वक़्त उपलब्ध है।  माताजी सदा कहा करती हैं कि जो चाहे उसको ही हिसाब दिखा सकती हूँ।  परंतु जिन्होंने समय समय पर हिसाब देखा है वे मानते हैं कि इस हिसाब में तो एक रुपये की गड़बड़ भी नहीं हो सकती।  अधिकतर सभी खर्चों की रसीद भी चिपकाई हुई हैं।

ऊपर से मेरी माताजी खुद 25000 (पच्चीस हजार) रुपये महीने की पेंशन भी पाती हैं और वे एक ईमानदार सरकारी टीचर रही हैं ।  उन्होंने कोई कभी भी किसी प्रकार का कोई भी घपला किया ही नहीं।  पहली बात तो हम वैदिक संस्कृति व धर्म के हेतु से इस संस्था से जुड़े हैं और भला परमात्मा के लिए दान में आए धन को कोई मूर्ख या गरीबी में त्रस्त व्यक्ति ही अपने लिए खर्च करता है और इन दोनों में से हम हैं ही नहीं। 

पहली बात हिसाब माताजी के हाथ में है जो कि पूर्ण ईमानदारी से खर्चा करवाई हैं।  इसलिए ही 10 लाख लगभग के दान में 16 -17 लाख का भवन तैयार हो गया है।  ऊपर से लगभग 70,000 रुपये खुद माताजी ने भी इस भवन में अपने पेंशन के पैसों से लगाए हैं।

धिक्कार है उनकी अज्ञानता को जो कहते हैं कि तुम सब पैसे खा गए (आर्य समाज को लूट कर खा गए) जबकि सत्य ये है कि नाम और शोहरत के भूखे पदाधिकारी गण हमारी मेहनत का फल और सामाजिक इज़्ज़त दोनों को लूट कर खाना चाहते रहे हैं।

मेरी मेहनत शारीरिक है व अन्य भी भाइयों की शारीरिक मेहनत इसमें शामिल है। लेकिन हर रविवार के यज्ञ में औसतन लगभग 120 रूपये की सामग्री व गोले आदि का खर्च अपनी कम्प्यूटर शाप से करता रहा हूँ और कोई दक्षिणा भी नहीं लेता इसीलिए उस जुड़े पैसे से जो यज्ञ में आया करते थे पंडित जी वाले,  18000 रुपये भी इसी भवन निर्माण में लगा दिए गए हैं।  ये दक्षिणा के पैसे महिला यज्ञ साधिका समिति के नाम से महिलाओं पर जमा होते थे और जब ज़रूरत पड़ी तो भवन निर्माण में लगा दिए गए।  समय समय पर डैक, माइक, लाउडस्पीकर, बैटरी, झाड़ू  आदि अनेक कामों से सम्बंधित खर्च भी शामिल कर लें तो यह खर्च भी या तो मैं वहन करता हूँ या यज्ञ की दक्षिणा से खर्च हो जाया करता है।  और हाँ महिला यज्ञ साधिका समिति का पैसा मेरे पास जमा नहीं उस के लिए कोई और ही महिला चुनी जाती हैं।

आर्य समाज के काम से जब भी हम बिजनौर, चांदपुर, और अन्य गाँव में जाते हैं तो कभी पांच रुपये भी आजतक आर्य समाज के कोष से खर्च नहीं किया चाहे वो दोपहर का हो भोजन हो या पानी, चाय आदि।  यह सब खर्च हम अपने पर्स से खुद वहन करते हैं।

किसी और के हाथ में यह हिसाब होता तो बीस - पच्चीस लाख इकठ्ठा करके और तब यह भवन 16 -17  लाख का बनाते।  तो सभी पाठक गण कृपया बताएं कि सभी धार्मिक संस्थाओं में ऐसा ही हो रहा है कि नहीं।

परन्तु मैं सत्यवादी इंसान हूँ और लगभग २० वर्षों से गायत्री मन्त्र का जप किया करता हूँ और दैनिक यज्ञ भी किया करता था नित्य।  परमात्मा का परम भक्त हूँ। और पेशे से कंप्यूटर शॉप का मालिक और एक टीचर हूँ।  मैं खुद भी काफी कमा लेता हूँ।  मैं क्यों बेईमानी करके धर्म संस्था का ऋणी बन जाऊँ।  हम आर्य हैं और कम से कम धर्म का पैसा खाएंगे नहीं अपितु धर्म के लिए हमारा तन, मन और धन है।

जो सत्य था वो बता दिया।  आगे पाठकों की इच्छा जो चाहें कमेंट करें क्यूंकि इस विषय में सभी स्वतन्त्र हैं कि कोई क्या विचारे किसी के विषय में /

ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।
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