शनिवार, 4 मई 2019

परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

मैं किसी राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं आया हूँ। मैं अपने धर्म और संस्कृति की सही व्याख्या करने के लिए आया हूँ।
_मैं देश, धर्म, संस्कृति, न्याय, समानता, स्वाधीनता, आर्थिक, सामाजिक न्याय के साथ खड़ा हूँ। मैं देश के करोड़ों लोगों का हित जिससे सधता हो ऐसी विचारधारा के साथ खड़ा हूँ। मैं हमेशा यह कहता हूँ कि मैं व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व का, चित्र नहीं चरित्र का उपासक हूँ और आज भी मेरा यही स्टैंड है।_

हिंदू धर्म, संस्कृति, सभ्यता, अपने पूर्वजों के चरित्र, इतिहास, साहित्य और अपने देश के चरित्र पर बहुत बड़ा आक्रमण करके कम्युनिस्टों ने अपने अंत्येष्टि की नींव डाल ली है और राष्ट्रीय पाप किया है।

_भारत में रहने वाले कम्युनिस्टों के पूर्वज न तो लेनिन है न माओ है तो आप अपने पूर्वजों को गाली क्यों देते हो, उनको हिंसक, क्रूर क्यों बताते हो।_

मर्यादा पुरुषोत्तम राम और श्री कृष्ण ने एक भी निर्दोष की हत्या नहीं की है बल्कि सब प्राणियों के प्रति उन्होंने दया, उदारता का भाव रखा, सबका उद्धार किया और जिनको मारा भी उनको मारा नहीं उनको तारा क्योंकि पूरी मानवता के लिए खतरा बन गए थे। ऐसे महापुरुषों के चरित्र के ऊपर इस तरह से उनकी निंदा करना, उन्होंने बहुत बड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय पाप किया है और इसका फल इन कम्युनिस्टों को मिलेगा।

पूरी दुनिया में करीब 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की कम्युनिस्टों ने अपने राज्य, विचारधारा के विस्तार के लिए हत्याएं की है। क्या कभी कम्युनिस्ट इस बात को स्वीकार करेंगे कि हमने क्रूरता और हिंसा करके अपने कम्युनिज्म के विचार को फैलाया है।

- परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

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