बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

For Law of Protection of Female

सेवा में ,

आदरणीय ,

1. राष्ट्रपति जी,
2. प्रधानमंत्री जी ,
3. मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश ,
4. जिलाधिकारी जी, बिजनौर, उत्तर प्रदेश ,
5. सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस , बिजनौर, उत्तरप्रदेश ,
 तथा
6. न्यायाधीश जी, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली ,

विषय: स्त्रियों की सुरक्षा का कानून बनवाने के सम्बन्ध में

महोदय ,

निवेदन यह है कि आप माननीय, प्रशंसित,   बुद्धिवान, मेधावान, ज्ञानवान,  पुण्यकर्मी  तथा ऐश्वर्यवान हैं. हमारे देश में समय समय पर नारी अपहरण, बलात्कार, नारी अपमान, हत्या, दुराचार व गाली गलोच आदि घटनाएँ घटती रहती हैं.

आज से लगभग १२,०५,३३,०००  बर्ष पूर्व  प्रथम राजा, माननीय राजर्षि महाराजा वैवस्वत मनु महाराज ने अपने समय में अयोध्या का निर्माण करते हुए यह संविधान बनाया था कि किसी भी पशु का वध नहीं होना चाहिए . तब पशु वध भारत में नहीं हुआ करता था . इसी प्रकार का नियम यदि आज हमारे देश, हिन्दुस्तान, भारत या इंडिया में क़ानून के रूप में बन जाये तो यह राक्षसी प्रकृति हमारे देश से बाहर हो सकती है . यह मेरा मानना है . और यह ही भारत की हिस्ट्री भी कहती है . तथा वह क़ानून है 'स्त्रियों की सुरक्षा का क़ानून' या 'Law of  Protection of Female'.

मैंने इस विषय में अपने ब्लॉग में भी लिखा है उस पोस्ट का टाइटल है 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ '.
इस समय मैं पूर्ण होशो हवास में लिख रहा हूँ तथा जो कह रहा हूँ उसे अन्यथा न लेना . यदि आप मेरे विषय में डिटेल्ड जानकारी चाहते हैं तो मेरे ब्लॉग mithsofhinduism.blogspot.in में मेरा पेज 'About Me' तथा 'Curriculum Vitae' पढ़ लें जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं.

इस क़ानून के बारे में मैंने जो पोस्ट 'Beti Padhao Beti Bachao' बनायी है उसका ब्लॉग एड्रेस है mithsofhinduism.blogspot.in 

अधिकतम बातें मैं इस समय तो लिखित ही कर रहा हूँ . मैं साधारण व विशेष परिस्तिथियों में सत्य बोलने को ही महत्त्व देने वाला एक अदना सा ब्राह्मण जाति  से सम्बन्ध रखने वाला आदमी हूँ . मेरा नाम पं ०  अनुभव शर्मा आत्रेय 'भवानन्द आर्य' है . मेरा जन्म २ अक्टूबर १९७३ को ग्राम इस्माइलपुर , रेलवे स्टेशन चांदपुर स्याऊ, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश में हुवा था .

हमारे शास्त्रों में भी कहा है 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ' यदि अपने देश भारत को पूर्ण स्वतंत्र, खुशहाल, पूरी दुनिया में अव्वल, व आर्थिक स्थिति में भी प्रथम श्रेणी में लाना है तो देवताओं का वास आवश्यक है . देवता का अर्थ यहाँ वैज्ञानिक, ज्ञानवान, बुद्धिवान तथा विद्वान से है इस का अर्थ अदृश्य ताक़तों से  न लें . 

या तो इस क़ानून को बनवाया जाए वरना हमारी माताओं, बहनों और पुत्रियों का भविष्य उज्जवल न होने से आने वाली भारत की मॉडर्न संतति देश भारत को विदेशियों के चंगुल में फंसने से रोक न पायेगी . भारतीय नारी को समानता का अधिकार है परन्तु उसकी आजीवन सुरक्षा का कोई क़ानून नहीं है वरना हमारे देश में दिन दहाड़े बलात्कार, हत्या व अपहरण की घटनाएँ कभी न होतीं .
माननीय इसके लिए अनेकों एक्ट्स की पूरी विधि सहिंता तैयार की जानी चाहिए . आप समझ सकते हैं कि यदि माँ सुरक्षित है तो हमारा वर्तमान व भविष्य दोनों सुरक्षित हैं. आप जैसे महापुरुषों की महान कृपा के कारण ही हमारे देश में नारी सुरक्षा, पालन, पोषण, शिक्षा, चिकित्सा, बढ़ावा व नौकरियों में वरीयता आदि योजनाओं के द्वारा उनका जीवन सुधरा तो है मगर सभी का नहीं .

स्त्रियां स्वभाव से मृदु, प्रेमी, प्रसन्नमुख व विवादों को समाप्त कराने वाली होती हैं . उनके भीतर 'तेज' एक ऐसा पदार्थ होता है जो पुरुषों में नहीं होता . इसी 'तेज' के कारण स्त्रियां सहनशील हुवा करती हैं.
मुझे अपने बारे में बनाना आवश्यक है कि मैं तीन भाषाओँ का ज्ञाता हूँ - हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू . तथा संस्कृत भी बहुत कुछ जानता हूँ परन्तु पूरी तरह से नहीं . कंप्यूटर का भी मुझे अच्छा ज्ञान है . मैंने अभी तक प्राइवेट रूप से अध्यापन कार्य किया है .
या तो कानून संहिता बनायी जाये वरना उन ब्लॉग्स को अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, चीन आदि सभी देशों के रीडर्स पढ़ते हैं . आखिर हमारे देश की भी कोई इमेज है . और जब तक मैं जीवित हूँ लिखना नहीं छोड़ूंगा . मैंने भी इंग्लिश से एम ए किया है . जब तक मैं जीवित हूँ अपने थोड़े बहुत ज्ञान व बुद्धि जो भी है, के द्वारा चुप बैठने वाला नहीं हूँ . मैं भी कुछ न कुछ करता ही रहूँगा .
माननीय प्रधान मंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी, आपको तो मैंने ट्वीट भी किया था तो अब तक यह क़ानून बनवाने के लिए आपने समय क्यों नहीं निकाला या आदेश क्यों नहीं पारित करवाया संसद में . क्या प्रजातंत्र नहीं हैं हमारे देश में? या सब लोग आसन (चुप्पी साध लेना) विधि अपनाये बैठे रहेंगे . आखिर हमारे देश की गरिमा का प्रश्न भी है .

नम्र निवेदन यह है हे महापुरुष! यह क़ानून संहिता बनवाने के लिए जल्दी से जल्दी संसद में आदेश पारित कर, स्त्रियों को सुरक्षा दी जाये वर्ना भारत देश की अधिकतम नारियां भूख, गरीबी, अपमान, गाली गलोच, बलात्कार, हत्या आदि व पालन पोषण व शिक्षा ठीक से न हो पाने से पीड़ित हैं.
आपकी अति कृपा होगी। 
आप चाहे तो मुझे फांसी लगवा दें परन्तु यह क़ानून आपको बनवाना पड़ेगा .

धन्यवाद।

"नामुमकिन अब मुमकिन है।"
"मोदी है तो मुमकिन है।"

निवेदक
अनुभव शर्मा 'भवानन्द'
जिला कारागार , बिजनौर
उत्तर प्रदेश, भारत


३१ जनवरी , २०१५  को

1 टिप्पणी:

  1. मेरा नाम लिलियन एन है। यह मेरे जीवन का बहुत खुशी का दिन है क्योंकि डॉ. सगुरू ने अपने जादू और प्रेम मंत्र से मेरे पूर्व पति को वापस लाने में मेरी मदद की है। मेरी शादी को 6 साल हो गए थे और यह बहुत भयानक था क्योंकि मेरा पति वास्तव में मुझे धोखा दे रहा था और तलाक की मांग कर रहा था, लेकिन जब मुझे इंटरनेट पर डॉ.सागुरु का ईमेल मिला कि कैसे उन्होंने कई लोगों को उनकी पूर्व प्रेमिका को वापस लाने में मदद की है और रिश्ते को ठीक करने में मदद करते हैं और लोगों को अपने रिश्ते में खुश रहने में मदद करते हैं। मैंने उन्हें अपनी स्थिति बताई और फिर उनसे मदद मांगी लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरे मामले में मेरी मदद करेंगे और अब मैं जश्न मना रही हूं क्योंकि मेरे पति अच्छे के लिए पूरी तरह से बदल गए हैं। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहता है और मेरी उपस्थिति के बिना कुछ नहीं कर सकता। मैं वास्तव में अपनी शादी का आनंद ले रहा हूं, क्या शानदार जश्न है। मैं इंटरनेट पर गवाही देता रहूँगा क्योंकि डॉ. सगुरु वास्तव में एक वास्तविक जादू-टोना करने वाले व्यक्ति हैं। क्या आपको सहायता की आवश्यकता है तो अभी ईमेल के माध्यम से डॉक्टर सगुरु से संपर्क करें:drsagurusolutions@gmail.com या व्हाट्सएप +12098373537 वह आपकी समस्या का एकमात्र उत्तर है और आपको अपने रिश्ते में खुशी महसूस कराते हैं। और वह इसमें भी परिपूर्ण हैं
    1 प्रेम मंत्र
    2 पूर्व को वापस जीतें
    3 गर्भ का फल
    4 प्रमोशन मंत्र
    5 सुरक्षा मंत्र
    6 व्यापार मंत्र
    7 अच्छी नौकरी का मंत्र
    8 लॉटरी मंत्र और कोर्ट केस मंत्र।

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