सोमवार, 10 मार्च 2014

ओ दाता हम पे दया रखना

ओ दाता हम पे दया रखना।
ओ दाता हम पे दया रखना।

तुम ना  होते जग ना होता।
बिखरे मोती कौन पिरोता?
जीव बेचारा तुम बिन ऐसे।
बालक बिन माता।
ओ दाता हम पे दया रखना।

सूरज में ये चमक ना होती।
चाँद में शीतल दमक ना होती।
मेघ ना गिरता जल ना बरसता।
बीज ना उग पाता।
ओ दाता हम पे दया रखना।

तुम हो एक खुदा करें हम विनती।
सुन लो छोटी सी एक विनती।
बिना तुम्हारे किसीके आगे.
झुके नहीं माथा।
ओ दाता हम पे दया रखना।

(स्वामी रामदेव जी द्वारा गाया गया एक भजन )

आपका अपना 
भवानंद आर्य

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