साँस एक रोज़ हवाओं में बिखर जाएगी।
तेरी मिट्टी कभी मिट्टी में उतर जायेगी।
किसको मालूम सफ़र ख़त्म कहाँ होता है?
जाने किस मोड़ पे ये रेल ठहर जाएगी।
सज धज कर जब मौत की शहज़ादी आएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
छोटा सा है तू बड़े अरमान हैं तेरे।
मिट्टी का तू सोने के सामान हैं तेरे।
मिट्टी काया मिट्टी में जिस दिन समाएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
धन दौलत से ख़ाली होंगे इक दिन तेरे हाथ.
अंत समय भगवान भजन जायेगा तेरे साथ।
उस दिन तुझको वेद की वाणी याद आयेगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
अच्छे किये हैं कर्म तूने पाया मानव तन।
पाप में क्यूँ डूबा है ये पापी चञ्चल मन।
पाप की नैय्या जिस दिन तुझको रुलाएगी जिस दिन डुबाएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
इस भजन को उर्दू में पढ़ें
आपका
भवानंद आर्य
तेरी मिट्टी कभी मिट्टी में उतर जायेगी।
किसको मालूम सफ़र ख़त्म कहाँ होता है?
जाने किस मोड़ पे ये रेल ठहर जाएगी।
सज धज कर जब मौत की शहज़ादी आएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
छोटा सा है तू बड़े अरमान हैं तेरे।
मिट्टी का तू सोने के सामान हैं तेरे।
मिट्टी काया मिट्टी में जिस दिन समाएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
धन दौलत से ख़ाली होंगे इक दिन तेरे हाथ.
अंत समय भगवान भजन जायेगा तेरे साथ।
उस दिन तुझको वेद की वाणी याद आयेगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
अच्छे किये हैं कर्म तूने पाया मानव तन।
पाप में क्यूँ डूबा है ये पापी चञ्चल मन।
पाप की नैय्या जिस दिन तुझको रुलाएगी जिस दिन डुबाएगी।
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।
इस भजन को उर्दू में पढ़ें
आपका
भवानंद आर्य
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें