सोमवार, 26 दिसंबर 2011

काले धन का पूरा सच

आखिर काले धन व भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आन्दोलन से सरकार इतनी क्यों दर गयी? क्यों लोक तंत्र की हत्या की गयी? आपके सामने प्रमाणिक तौर पर रखते हैं इस काले धन का पूरा सच|

१. काला धन क्या है? - अवैध खनन करके, सरकारी योजनाओं के धन की चोरी करके, रिश्वत खोरी व टैक्स की चोरी करके जो धन देश में या विदेश में जमा किया गया है वह काला धन है| काला धन हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है. इस पर १२१ करोड़ भारतीयों का हक है. अपने देश में ८९ प्रकार की लगभग २० हज़ार करोड़ रुपये की तो मात्र भूसम्पदायें ही हैं. इनमें से कई सो लाख करोड़ का कोयला, लोहा, गैस, पेट्रोल व हीरा आदि तथा इसी प्रकार अन्य राष्ट्रीय संपदाओं भूमि, भूसंपदा, २ जी०, ३ जी० आदि वैज्ञानिक संपदाओं, जंगल, जड़ी, बूटी आदि सब कुछ धरती, आकाश व पाताल आदि की सभी संपदाओं को कुछ भ्रष्ट व बेईमान लोगों ने बेच दिया है. और इस लूटे हुए देश के धन को देश में तथा विदेश में जमा कर दिया. इस धन पर इन बेईमानों का कोई अधिकार नहीं है. यह देश का धन है. 

२. यह काला धन कितना है? - ग्लोबल फाईनैन्शियल   इंटेग्रिटी (जी0 आई0 ऍफ़०), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई0 एम्0 ऍफ़०), vishva बैंक (वर्ल्ड बैंक), टैक्स जस्टिस नेटवर्क तथा ट्रांस पेरेंसी इंटर नेशनल आदि सभी विश्व की   आर्थिक संस्थाओं के अध्ययन, विश्व के प्रमुख अर्थ शास्त्रियों का अनुमान तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा छापी गयी मुद्रा (नोट) आदि बातें, इस बात का पक्का प्रमाण हैं की भारत का लगभग ४०० लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा काला धन है. इसमें लगभग ७५ प्रतिशत विदेशी बैंकों स्विट ज़रलैंड, मोरीशस, इटली, दुबई, सिंगापुर व लग्ज़म्बर्ग आदि में जमा है तथा लगभग २५ प्रतिशत काला धन देश में ही ज़मीन, सोना एवं अन्य कार्यों में लगा है.

३. विदेशों में जमा काला धन किसका  है तथा इसका उपयोग कौन कर रहे हैं? - सबसे अधिक काला धन कुछ भ्रष्ट नेताओं तथा इसके बाद कुछ भ्रष्ट अधिकारियों तथा कुछ बेईमान बड़े उद्योगपतियों के पास ये काला धन है. विदेशी बैंकों में जमा इस काले धन का विदेशी ऋण  के रूप में विश्व के बड़े देश उपयोग करके विकास कर रहे हैं. तथा विलासिता कर रहे हैं. तथा भारत व अन्य देश इस भ्रष्टाचार व काले धन के कारण गरीबी, भूख, अभाव व अपमान में जी रहे हैं. 

आपका
अनुभव शर्मा

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