गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

काले धन का पूरा सच 4

जिस दिन भारत से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा तथा देश का लूटा हुआ धन वापस मिल जाएगा उस दिन भारत की अर्थव्यवस्था व मुद्रा इतनी मजबूत होगी कि १ रुपये की कीमत ५० डॉलर के बराबर होगी तथा भारत विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति होगा. आज भी भ्रष्ट व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार के बावजूद दुनियां के अन्य देशों की तुलना में भारत पर बाहर के देशों का लिया गया ०.२३७ ट्री लियन डॉलर (१०.६६ लाख करोड़ रुपये) तथा आतंरिक ऋण मात्र ०.८५५ ट्री लियन डॉलर (३८.४८ लाख करोड़ रुपये) है. भारत के बाद भरष्टाचार व काले धन की अर्थ व्यवस्था मिटाने का अभियान अन्य एशिया के देशों में भी चलेगा तथा भारत व एशिया का उत्थान होगा तथा हम यूरोप व अमेरिका से भी आगे बढ़ जायेंगे.

इस प्रकार विदेशी ऋण के रूप में लिया गया अधिकांश धन यह काला धन ही है. सभी देशों को आज धन चाहिए, जब अपने देश के ही विकास के लिए धन की सभी देशों को जरूरत है, फिर विदेशी ऋण के रूप में कोई क्यों किसी दूसरे देश को ऋण के रूप में पैसा देगा? काला धन जिस देश का है यदि उस देश को मिल जाये तो भारत सहित दुनियां में कोई भी देश गरीब नहीं रहेगा. काला धन व भ्रष्टाचार यही पूरी दुनिया की सबसे बड़ी दो समस्याएँ हैं.

४. भारत का यह काला धन कहाँ जमा है? - स्वीटज़रलैंड, दुबई, इटली, बहामास, सेंटकिट्स, विर्जिन आई लैंड व सिंगापूर आदि ७० से ज्यादा देश हैं, जहाँ ये काला धन जमा है.
५. विदेशों में ये देश का धन कैसे जाता है? -बैंकों की गोपनीयता का लाभ उठाकर हवाला, ओवर इन्वोइसिन्ग करके तथा भ्रष्टाचारी व्यक्ति खुद स्वीटज़रलैंड आदि जाकर वहां जमा कराते हैं. अब तो भारत में केंद्र सरकार ने स्वीटज़रलैंड व इटली आदि के बैंकों को भारत में खाता खोलने के लिए लाईसेंस दे दिया है. जो काला धन जमा करते हैं. जिससे की बेईमान लोगों को देश का लूटा हुआ धन विदेशी बैंकों में जमा करने में कोई परेशानी न हो.
६. यह कैसे पता चलेगा की किसका कितना कालाधन किस देश में जमा है तथा यह कैसे वापस आयेगा?-
क. सरकार एक कानून बनाकर सभी भारतीयों से सात दिन या एक सुनिश्चित अवधि के अन्दर अपने विदेशी बैंकों में जमा धन या अन्य संपत्ति का पूर्ण विवरण प्रस्तुत करने को कहे उपरोक्त अवधि में जिनका विवरण प्रस्तुत न हो उनका धन या संपत्ति विदेशी बैंकों में पाई जाने पर उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाये व जिसने उसे जमा करवाया उसे राष्ट्र द्रोह का अपराधी घोषित करे. इसके पश्चात ही सभी टैक्स हैवन देशों से भारतीयों के जमा धन का विवरण उपलब्ध हो सकेगा. क्योंकि वह राष्ट्रीय संपत्ति है. और राष्ट्र द्रोह करके जमा की गयी है. और U .N.C .A .C . की अंतर राष्ट्रीय संधि के अनुसार सभी देशों को यह जानकारी भारत को उपलब्ध करानी ही होगी. यदि विदेशों में जमा काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित नहीं किया गया और इसे कृत्य को राष्ट्र द्रोह का अपराध नहीं माना  तो काले धन का विवरण टैक्स हैवेन देश कभी देंगे ही नहीं. क्योंकि स्वीटज़रलैंड आदि टैक्स हैवेन देश कर चोरी को संज्ञेय अपराध नहीं मानते और जब तक जिस कृत्य को दोनों देशों में ग़ैर क़ानूनी न माना गया हो तब तक दूसरे देश हमारी मदद करने को बाध्य नहीं हैं. राष्ट्र द्रोह को दुनियां के सभी देश सामान रूप से संज्ञेय अपराध मानते हैं. काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करके तथा विदेशों में काला धन जमा करने को राष्ट्र द्रोह का अपराध घोषित करके विदेशों में काला धन जमा करने के खिलाफ राष्ट्र द्रोह का कानून बना करके इन भ्रष्ट लोगों पर राष्ट्र द्रोह का मुकदमा दायर किया जाये. ताकि अंतर राष्ट्रीय संधियों व क़ानूनी प्रावधानों (युनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन) के तहत जब भारत स्वीटज़रलैंड सहित सभी टैक्स हैवेन देशों से काले धन की जानकारी मांगेगा तो इनको जानकारी देनी ही पड़ेगी. और यह काला धन देश में वापस आयेगा.

ख. जिन देशों में ये काला धन जमा है उन सभी देशों के दूतावास भारत में हैं. जब भी ये भ्रष्ट लोग उन देशों में जाते हैं तो जाने से पहले उन देशों का उन्हीं दूतावास से वीजा लेते हैं. इसके साथ-साथ भारत सर्कार के भी इमिग्रेशन विभाग को पता होता है कि कौन व्यक्ति किस देश में जा रहा है तथा कहाँ से जा कर आया है. ये पूरा विवरण सरकार के पास है. इस पर तुरंत कार्यवाही कर के सरकार पता लगा सकती है कि काला धन जमा करने वाले कौन लोग हैं? कुछ लोग स्वीटज़रलैंड व अन्य टैक्स हैवेन देशों में घूमने, नौकरी करने व अपने रिश्ते दरों के पास भी जा सकते हैं लेकिन कुछ बड़े नेता, बड़े अधिकारी तथा बड़े व्यापारी बार बार वहां पर जाते हैं. इसका मतलब वे ही बेईमान हैं. और बार बार पैसा जमा करवाने के लिए ही जाते हैं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

free counters

फ़ॉलोअर