बुधवार, 5 जनवरी 2011

सत्य

सभी धर्मों में यह सामान्य रूप से कहा गया है कि हमें सदा सत्य बोलना चाहिए. इसलिए इस शब्द का अपने वार्तालाप का विषय बनाना आवश्यक है क्योंकि मैं  आपसे हिन्दू संस्कृति के मुख्य शीर्षकों को शेयर करना चाहता हूँ.
जब हम सत्य बोला करते हैं तो हमारी वाणी बलयुक्त व प्रभावशाली बन जाती हैं. महर्षि श्रृंगी ने ८४ वर्ष तक एक भी शब्द झूंठ नहीं बोला था. जो कुछ भी वह कहते थे वह होना ही होता था. अगर वह किसी को मृत्यु दंड दे देते थे तो उसे मरना पड़ता था. इसी प्रकार महर्षि अत्री मुनि ने अपने जीवन में सत्य का १२० वर्ष तक पालन किया. अगर वह उडती चिड़िया को आने को कहते थे तो उसे उन के पास आना ही पड़ता था. हमारी वाणी में इतनी महान क्षमता है कि वह हमें भगवान तक ले जा सकती है. यही वजह है कि हिन्दू संस्कृति में भी सत्य बोलना बहुत ही आवश्यक माना गया है. जब हम असत्य अपनाते हैं तो हमारी वाणी बल खो देती है और कुछ समय बाद हम स्वतः सत्य कि महत्ता समझने लगते हैं. यदि हम योगी बनना चाहते हैं तो हमें अष्टांग योग अपनाना चाहिए जिसमें आठ भाग होते हैं. पहले भाग में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य आता है. इसको समूह रूप में यम कहते हैं-
अहिंसा - किसी को भी अपने मन, वचन या कर्म से कष्ट न देना
सत्य - सत्य वादिता
अस्तेय - हर प्रकार कि चोरी का त्याग
अपरिग्रह - अत्यंत लोलुपता और स्वत्वाभिमान 
ब्रह्मचर्य - स्त्रियों के दर्शन, स्पर्श और चिंतन से पृथक रहना
इसलिए एक योगी के लिए सत्य बोलना आवश्यक है. और यदि हम अपनी वाणी को बलयुक्त करना चाहते हैं तो हमें सत्यवादिता अपना लेनी चाहिए.
एक बात जो मैंने जानी  है कि वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को सत्य बोलना परम आवश्यक है. ज़रा सोचो जब हम सदा सत्य बोलते हैं, सत्य कि तरंगे ही हमारे पास आया करती हैं. हमारा सारा वातावरण सत्यता से भर जाता है. जो कोई भी हमारे संपर्क में आता है वह भी सत्य ही बोलता है. यहाँ पर कुछ ही लोग अपवाद हुआ करते हैं. इस वातावरण में हम सही-सही वास्तविक चीज़ें विचारने में सक्षम होते हैं. हमारे मस्तिष्क में कोई भी अवास्तविक तरंग नहीं टकराती. यही कारण है कि हम उस समय अपने में सत्य ज्ञान का अर्जन करते हैं. और तब हम अपने सपनों में भी समस्या सुलझाया करते हैं. निश्चित रूप से तब हमें स्वप्न भी सत्य तथ्यों पर आधारित विचार दिया करते हैं. और सत्य यह है कि इस वातावरण में हम बहुत कुछ उपलब्धि प्राप्त किया करते हैं. 
इसलिए प्यारे पाठकों! यदि आप कुछ उपलब्धि प्राप्त करना चाहते हो तो आपको सत्य बोलना चाहिए. अभी तो मैं  इतना नहीं लिख पा रहा हूँ, परन्तु मैं  आपको सत्य वादन से सम्बंधित और भी तथ्य  दूंगा यदि मुझे मौक़ा मिला.

धन्यवाद
अनुभव शर्मा

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