महान युग द्रष्ठा सामाजिक समरसता के प्रणेता संत रविदास की जयंती माघ पूर्णिमा २०७४ विक्रमी तदनुसार 31 जनवरी 2018 पर हार्दिक बधाई।
प्रभु जी तुम चन्दन हम पानी
जाकी अंग अंग बास समानी।
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा
जैसे चितवन चंद चकोरा।
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती
जा की जोत बरै दिन राति।
प्रभु जी तुम मोती हम धागा
जैसे सोनहि मिलत सोहागा।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा
ऐसी भक्ति करै रैदासा।
जाकी अंग अंग बास समानी।
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा
जैसे चितवन चंद चकोरा।
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती
जा की जोत बरै दिन राति।
प्रभु जी तुम मोती हम धागा
जैसे सोनहि मिलत सोहागा।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा
ऐसी भक्ति करै रैदासा।
काशी मे चवरबंश के पीपल गोत्र मे जन्म लिया । रामानंद जी को गुरु बनाया।
काशी नरेश एवं चित्तोड के महाराणा परिवार की मीरा को शिष्या बनाया । सदना कसाई को शास्त्रार्थ कर हिन्दू बनाया । सिकन्दर लोधी ने इस्लाम स्वीकार करने को जेल मे डाला पर उन्होंने किसी भी हालत मे हिन्दू धर्म छोडने से मना कर दिया।
वेद धर्म सबसे बड़ा, अनुपम सच्चा ज्ञान।
फिर मैं क्यों छोड़ूँ इसे पढ़ लूँ झूट क़ुरान।
वेद धर्म छोड़ूँ नहीं कोसिस करो हजार।
तिल-तिल काटो चाही गोदो अंग कटार।
संत शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज की जयंती पर आपको हार्दिक बधाई ।।
आडम्बर को त्यागने की प्रेरणा - जब मन चंगा तो कठोती मे गंगा का उदाहरण प्रस्तुत किया ।
ऐसे महान संत का सर्व हिन्दूसमाज सदैव ऋणी रहेगा।
संत रविदास जी के जन्मोत्सव की कोटि मंगलकामनाएं।
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