ॐ
धृतिः क्षमा दमो अस्तेय शौचमिन्द्रियनिग्रहः
धीर्विद्या सत्यम् अक्रोधः दशकं धर्मलक्षणम्।।
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भावार्थ : धैर्य रखना, सहनशील होना, मन को अधर्म से रोकना,चोरी-त्याग, रागद्वेष न करना, इन्द्रियों को धर्म पर चलाना, बुद्धि बढ़ाना, विद्वान् बनना, सत्याचरण करना, क्रोध न करना - ये दस धर्म के लक्षण हैं।
(मनुस्मृति से)
आपका अपना
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा
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