यदि हम किसी समस्या का समाधान करना चाहते हैं तो उस समस्या से सम्बंधित नियम व गुणों को विचारते उस विषय में विचारना चाहिए व चिंतन करना चाहिए। इस प्रकार उस समस्या का हल हमें प्राप्त हो जाता है। अर्थात -
"किसी समस्या को विचारने से उस का हल प्राप्त हो जाता है। "
इससे हमें पता चला कि मनन चिंतन करना भी हमारे जीवन का एक आवश्यक अंग है। कहा भी है कि मानव बना है मनन करने से। मनन करने वाला ही मानव कहलाता है।
अतः हमें अपने जीवन में मनन व चिंतन के लिए भी समय निकालना चाहिए परन्तु चिंतन चिंतन विशुद्ध होना चाहिए।
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आपका
भवानन्द आर्य
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