बुधवार, 1 जून 2011

भारत स्वाभिमान: हमारे सपनो का भारत: स्वामी रामदेव प्रणीत:-!! राष्ट्रधर्म !!

१. राष्ट्र धर्म 
राष्ट्रधर्म को समझने के लिए प्रत्येक भारत वासी को आवश्यक है की वह राष्ट्र की शक्ति व् सम्पदा के अवं राष्ट्र की ज्वलंत समस्यायों व चुनौतियों के सन्दर्भ में जानकारी प्राप्त करे, अपने समाज, समूह, कार्यक्षेत्र, व सभाओं आदि में भी हमें उक्त विषय की जागरूकता पैदा करनी चाहिए. योग्कक्षयों में भी योगाभ्यास के साथ-साथ प्रतिदिन ५ से १० मिनट राष्ट्र-शक्ति व हमारे राष्ट्रधर्म के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें लोगों को बतानी चाहिए तथा लोगों को समझाना चाहिए की हम देश के लिए क्या कर सकतें हैं. इन बिन्दुओं को पहले संक्षिप्त रूप में तथा बाद में विस्तारपूर्वक प्रत्येक ग्रामवासी व राष्ट्र वासी को समझाएं.

१. राष्ट्र की शक्ति- हमारे देश में ८९ प्रकार की भुसम्पदायें हैं- लोहा, कोयला, ताम्बा, सोना, चंडी, हीरा, ऐल्युमुनियम  आदि धातुएं तथा गैस व पट्रोल से लेकर बहुत से मिनरल्स हैं इन सबके ज्ञात भंडार(रिज़र्व्स) का यदि आर्थिक मूल्याकन  किया जाये तो यह करीब १० हज़ार लाख करोड़ रूपये होते हैं. इसमें अकेला कोयला ही(केवल ज्ञात भंडार) २७६.८१ बिलियन टन है जिसका मूल्य लगभग ९५० लाख करोड़ रुपये है. लोहे के ज्ञात भंडार लगभग १५.१५ बिलियन टन है. ऐसी ही अन्य बहुत सी बेशकीमती चीजें भारत माता के गर्भ में छिपी हैं. यदि हमनें इन बेईमान लोगों को नहीं हटाया तो ये सब देश की सभी संपदाओं को लूट लेंगें. भूसंपदाओं के अतिरिक्त जल, जंगल, जमीं, जड़ी-बूटी व अन्य राष्ट्रीय सम्पदायों के साथ-साथ बौद्धिक, आर्थिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक दृष्टि से भी भारत दुनिया का सबसे बलवान व धनवान देश है.

२. महाशक्ति भारत- हमारा भारत देश जर्मनी, जापान और फ़्रांस जैसे देशों से कम से कम ५० गुना अधिक शक्तिशाली है. जिस दिन भ्रष्टाचार मिट जायेगा उस दिन भारत वश्व की आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा. दुनिया की पांच बड़ी संस्थाएं आई.एम.ऐफ ., वर्ड बैंक, डब्लू.एच.ओ.,डब्लू.टी.ओ.,सब यहीं से हम संचालित कर पायेंगें. हम वर्ड सुपर पावर होंगें, हम दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक, राजनैतिक व आध्यात्मिक शक्ति होंगें और यह सब हमारे लिए बड़े गर्व की बात होगी.
क्रमशः........................

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