मेरे ग्राम 'ईस्माइलपुर भगीरथ' का इतिहास व आर्यसमाज

अजमेर में एक व्यक्ति (चौधरी साहब) रहते थे जिनका नाम था गाठा राय जो कि जाति से चौहान थे। इनकी शक्ल पृथ्वी राज चौहान से मिलती थी। अतः एक बार जब पृथ्वी राज चौहान को मुग़लों द्वारा पकड़ा गया तो ये ही उनके स्थान पर पेश करा दिए गए थे। बाद में ये परिवार मक्का मदीना नाम के गाँव में जा कर बसा। वहां से ये सुनहरी नाम के गाँव में जाकर बसे।
१७ वीं सदी की बात है लगभग शेरशाह सूरी के समय की बात है कि हरियाणा के जिला रोहतक के सुनारी (सुनहरी) गांव से इसी परिवार की दो बुग्गियां वहां के अत्याचारों से पीड़ित होकर गांव छोड़ कर चल पड़ीं जिनमें कुछ परिवार जाट चौधरियों के तथा एक पुरोहित का परिवार था। ये यहाँ चांदपुर स्याऊ, जिला बिजनौर के पास नायक नंगला गांव व चहला गाँव के बीच खाली जगह पर आकर रुके और वहां रहने लगे वह जगह अकबरपुर नाम से जानी जाती है। उस जगह पर आज भी एक पुराना कुआँ विद्यमान है। जहाँ आजकल
ईस्माइलपुर ग्राम है यहाँ दो भाई ईस्माइल खां और आबिद खां ज़मीन पर क़ाबिज़ हुवे रहते थे। उन चौधरियों ने उन दोनों से यह ज़मीन खरीद ली और यहाँ अपना निवास बनाया। तथा ग्राम का नाम उन्हीं मौज्जों के अनुसार रखा गया। ईस्माइल खां से खरीदी जगह ईस्माइलपुर मौज्जा तथा आबिद खां से खरीदी जगह आबिदपुर मौज्जा कहलायी। इन दो मौज्जों से मिलकर बनी है ये जगह ईस्माइलपुर। आबिद खां व ईस्माइल खां के विशेष अनुरोध पर इस जगह का नाम उनके ही नाम पर रखा गया। वैसे भी मुग़ल शासन था गाँव का नाम इस रूप में रखने पर जजिया कर से भी गाँव के लोगों को मुक्ति मिल गयी। इन्हीं परिवारों में दो भाई हुए भगीरथ सिंह और नारायण सिंह। भगीरथ सिंह एक विशिष्ट प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व थे उन्हीं के नाम पर इस गाँव का नाम 'ईस्माइलपुर भगीरथ' प्रचलित हुआ। और नारायण सिंह ने पैजनिया- नहटौर रोड पर एक गाँव बसाया नारायणखेड़ी। इसीलिए ईस्माइलपुर व नारायणखेड़ी के चौधरियों के गोत्र भी एक ही हैं।
आबिदपुर में रहने वाला परिवार आबिदपुरिया, पूर्व वाले पुरबला, पश्चिम वाला पंछाला, दक्षिण वाले दखनिया व दक्खनवाला, उत्तर वाला पहाड़ला और बीच में रहने वाला परिवार बीचवाला कहलाया।
इस प्रकार हमारे गाँव में पुरब्ले, पंछाले ,दखनिये, दक्खनवाले, पहाड़ले, बीचवाले, आबिदपुरिया, रौलिये तथा पधान ये नौ परिवार प्रसिद्द हैं। तथा एक परिवार भरद्वाज गोत्र के ब्राह्मणों का है। पधानों का गोत्र तोमर तथा अन्य चौधरियो का गोत्र बुद्धवार है।
एक बार एक चौधरी घोड़े से बाहर घूमकर गाँव को आ रहे थे उनके टापों के कुछ दूर ही एक छोटा सा बालक जंगल में अकेला घूम रहा था। उसने तीव्र स्वर में पूछा 'ये किसका बालक है?' उसकी माँ जो विधवा थी दौड़कर आई और बोली 'हुज़ूर आप ही का है' . ऐसा सुनकर उन्होंने उस लड़के को घोड़े से उतरकर गले लगा लिया और कहा , 'अगर हमारा है तो अब यह इस तरह नहीं रहेगा। ' और चौधरी साहब दोनों को इस गाँव में ले आये और फिर उस लड़के की संतानें 'रौलिये' कहलायीं।
इसी गाँव की एक लड़की थीं 'हुलासी'. उनका विवाह कहीँ बाहर हुआ था परन्तु हमारे गाँव में एक बार कुछ विवाद बाहर के गाँव वालों से हुवा वे और उनके पति दोनों गाँव में बुला लिए गए। तथा उन्होंने इस गाँव के लोगों के साथ मिलकर उन लोगों से डटकर मुकाबला किया तथा फिर वे दोनों यहीं बस गए। इन का गोत्र तोमर था। इनकी संताने पधान नाम से जानी जाने लगीं।
हमारे गाँव में सहभोज (अछूतोद्धार हेतु) तथा आर्य समाज की शुरुवात जिन लोगो ने की वे इस प्रकार हैं - पण्डित श्री कश्मीरी लाल शर्मा, श्री भीम सिंह, श्री महाशय बलबीर सिंह, केसरी सिंह, श्री भीम सिंह, श्री फतह सिंह उर्फ़ काले सिंह, मुंशी श्री कढ़ेरा सिंह, पंडित श्री थानी सिंह , श्री मुकंदी सिंह, श्री लज्जाराम सिंह। तथा आर्य समाज के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए जिन का विशेष योगदान रहा वे हैं - श्री फत्तू मुन्शी, श्री महावीर मिस्त्री , श्री महावीर सिंह तोमर पधान, श्री बुद्ध सिंह, श्री महाशय रामकरण सिंह, श्री सुरेश सिंह आर्य, श्री शूरवीर सिंह, श्री नेपाल सिंह आर्य, श्री रणधीर सिंह तोमर, श्री राकेश आर्य, डा० श्री सहदेव सिंह .......... आदि।
१९३९ ईस्वी में इस आर्य समाज के भवन का निर्माण हुवा तथा यह ज्योति आर्य समाज अथाईं से यहाँ इस्माईलपुर गाँव में आई। ३ जुलाई २०१३ को आर्य समाज मंदिर भवन की पुनः नीव रखी गयी तथा यह भवन तीन चरणों में पूरा होना है। प्रथम चरण में ३,७५,००० रुपये के लगभग इसमें लग चुके हैं। द्वितीय चरण में लगभग ३ लाख रुपये से अधिक लग चुके हैं। हाल का लिंटर पड़ चुका है ११-१०-२०१८ को। व बचे भाग का लिंटर २५-०१-२०१९ को पड़ा है। और इस प्रकार कुल खर्च लगभग १० लाख रुपये का हुआ है अब तक। बिल्कुल सही राशि भी अपडेट कर दी जाएगी। तृतीय चरण में ल्हिसाई के साथ साथ दान के पत्थर भी लगेंगे व बाथरूम, जीनों की ग्रिल आदि से सम्बंधित काम होना है ।
-द्वारा ब्रह्मचारी अनुभव आर्य
83 वां वार्षिकोत्सव व आंशिक ऋग्वेद पारायण यज्ञ (13 जुलाई 2023 से 16 जुलाई 2023 )
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी महाराज तथा ब्रह्मर्षि ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी महाराज (पूर्व श्रृंगि ऋषि) की पावनी प्रेरणा से आत्मोन्नति एवं पर्यावरण शुद्धि हेतु गुरुकुल आर्ष कन्या विद्यापीठ, श्रवणपुर नजीबाबाद की आर्ष विदुषी आदरणीया बहन सुलभा शास्त्री जी के ब्रह्मत्व में व गुरुकुल की तेजस्विनी ब्रह्मचारिणियों (बहन भारती , बहन श्रुति कीर्ति आदि ) के वेद मंत्रों के पाठ के द्वारा ऋग्वेद पारायण महायाग का आयोजन किया गया। तथा 83 वां स्थापना वर्ष व वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया आर्ष भजनोपदेशक श्री राकेश आर्य जी और श्री नेपाल आर्य जी ने अपने सुमधुर व शिक्षा से लबरेज भजनों के द्वारा सभा में एक उल्लास और प्रेरणा का माहौल बना दिया पूज्यपाद स्वामी अग्निवेश जी योगाचार्य ने योग और जीवन को उर्ध्व बनाने के लिए मूलभूत तथ्य समझाए जिससे सभी का संकल्प एक योगी बनने का बन गया है। योगी ७० वर्ष तक युवा रह सकता है यह एक बात उनके प्रवचनों से हमारे सामने आयी। गुरुकुल श्रवण पुर नजीबाबाद की संस्थापिका विदुषी आचार्या बहन प्रियंवदा जी ने भी सभी बहनों को धार्मिक और कर्मशील बनने की प्रेरणा दी और कहा की सभी लोग अपने बालकों को उच्च शिक्षा दिलवाएं और साथ साथ उनको धर्म अध्यात्म और वेद का ज्ञान भी अवश्य करवावें जिला कार्यकारिणी के प्रधान रावेन्द्र आर्य जी, श्री रमेश आर्य जी , श्री ब्रह्मदत्त आर्य जी आदि उच्च पदाधिकारी गण भी इस उत्सव में आर्य समाज इस्माइलपुर में आये ग्रामवासी भाइयों और बहनों की भीड़ मूसलधार बारिश में भी यज्ञ में शामिल हुयी आर्य समाज के यज्ञ संयोजक अमित कुमार, अनुभव शर्मा, दीपक कुमार,अरविन्द कुमार, उदयवीर सिंह ने अपनी सूझबूझ से सारी व्यवस्था को अंत तक बनाये रखा रणधीर सिंह आर्य, नेपाल देव आर्य, डॉ० सहदेव सिंह, ग्राम प्रधान रामवीर सिंह, बहन सुनीति शर्मा, शशि प्रभा शर्मा , प्रकाश वती देवी, प्रभा देवी आदि बहुत सी बहनों का यज्ञ में विशेष सहयोग रहा
ऋग्वेद पारायण यज्ञ के यज्ञमान -
उदयवीर सिंह, सुदर्शन चौधरी, अनुभव शर्मा, सचिन तोमर, दीपक चौधरी, संजीव कुमार, राजीव कुमार, अमित चौधरी, अरविन्द कुमार , कौशल पाल सिंह, प्रमोद चौधरी, निरंकार चौधरी, पवन कुमार, डॉ० गगन चौधरी
८० वां वार्षिकोत्सव व आंशिक अथर्ववेद पारायण यज्ञ (२६ अप्रैल २०१९ से २८ अप्रैल २०१९ तक )
सभी धर्म प्रेमी सज्जनों को यह जानकर हर्ष होगा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी की पावनी प्रेरणा से आर्य समाज भवन में वार्षिकोत्सव वैदिक उपदेष, आर्श भजनोपदेष व यज्ञ पूर्वक बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है तथा आचार्य देवव्रत जी के वेद मंत्रों के पाठ के द्वारा आत्मोन्नति व पर्यावरण षुद्धि के हेतु पूर्व से चल रहे पारायण यज्ञों की श्रंखला में यजुर्वेेद पारायण महायज्ञ का आंषिक आयोजन भी किया जा रहा है। इस वार्षिकोत्सव में शामिल होकर अपनी भागीदारी अवश्य ही सुनिश्चिित कर लेवें एवं यज्ञ में आहुतियां देकर पुण्य के भागी बनें।
इस शुभावसर पर आप सब सपरिवार एवं इष्ट मित्रों सहित सादर आमंत्रित हैं।
आमंत्रित विद्वान ः पं॰ कुलदीप विद्यार्थी, आचार्य देवव्रत जी एवं पं॰ मोहित षास्त्री
विशेष अतिथि गण ः श्री अरुण कुमार जी, श्री पंकज चौधरी जी, बहन श्रीमति रमा देवी जी
अतिथि गण ः नरेष दत्त आर्य, पं॰ कुलदीप आर्य, योगेष कुमार आर्य, कल्याण सिंह आर्य, राकेष आर्य, तेजपाल सिंह, घासीराम, सीता आर्या, सुलभा षास्त्री एवं आर्याेपनिधि सभासद
२६ मार्च २॰१९ दिन मंगलवार व २७ मार्च दिन बुद्धवार को
प्रातः ७ः३॰ बजे से १॰ बजे तक यज्ञ
सांय २ बजे से ५ बजे तक भजनोपदेश व आर्ष प्रवचन
रात्रि ८ बजे से १॰ः॰॰ बजे तक भजनोपदेश व आर्ष प्रवचन
२८ मार्च दिन गुरूवार को
प्रातः ७ः३॰ से यज्ञ पूर्णाहुति तत्पष्चात् भजनोपदेष व आर्श प्रवचन
निवेदकः- श्रीमान् - रणधीर सिंह आर्य, महेंद्र सिंह, डा॰ सहदेव सिंह, श्रीमान् नैपाल सिंह आर्य, विजयवीर सिंह, अमित चौधरी, अमन सिंह, डा॰ नरोत्तम शर्मा, डा॰ लाखन सिंह, प्रभात सिंह, डा॰ मदनपाल सिंह, मुकेश कुमार (ग्राम प्र॰), वीर सिंह, अमित कुमार बबले, अनिल कुमार, कौशलपाल सिंह, तेजपाल सिंह पाल, उमेश कुमार, ब्रह्मपाल, संजय कुमार टेलर, विनोद कुमार शर्मा, कृष्णपाल सिंह, ओमप्रकाश, अंकुर गोयल, शेर सिंह, गजेंद्र सिंह, राजवीर सिंह, अशोक वर्धन, षूरवीर सिंह, राजवर्धन, ज्ञानेन्द्र सिंह, राजीव कुमार, सचिन तोमर, विपिन कुमार चौधरी
अशोक कुमार (पू॰प्र॰), अनुभव शर्मा आर्य, दीपक कुमार आर्य, अरविंद कुमार मोंटी, अमित कुमार सोनू, उदयवीर सिंह, सुनील कुमार, मोहित कुमार, मा॰ संजीव कुमार, डा॰ शशांक चौधरी, शरद भटनागर, शुभम शर्मा, सचिन कुमार, आदर्श चौधरी, निखिल कुमार एवं यज्ञ समिति व महिला यज्ञ साधिका समिति इस्माईलपुर व अन्य सभी आर्य कार्यकर्त्ता।
गुरुकुल लाक्षागृह बरनावा के आचार्य अरविन्द शास्त्री जी के ब्रह्मत्व में वहाँ के ब्रह्मचारियों के उद्गीथ के द्वारा अथर्ववेद पारायण यज्ञ ११ फरवरी २०१७ से किया जाना तय हुवा था। योगाचार्य गुरुदेव स्वामी अग्निवेश जी (यज्ञ ब्रह्मा) तथा स्वामी सत्यवेश जी (शुक्रताल वाले ) भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित आये तथा चार साधू भी उपस्थित हुवे। बहन सीता आर्य जी ने अपने आर्ष भजनोपदेश के द्वारा इस यज्ञ और ७८ वें स्थापना वार्षिकोत्सव पर हमारा मार्गदर्शन किया।
आर्य समाज इस्माईलपुर में त्रिदिवसीय अथर्ववेद पारायण आंशिक यज्ञ की पूर्णाहुति व ७८ वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया
महानंद संस्कृत महाविद्यालय लाक्षागृह बरनावा (बागपत) के ब्रह्मचारी गांव के द्धारा आर्य समाज ईस्माइलपुर (बिजनोर) में अथर्ववेद पारायण यज्ञ ११ फरवरी से १३ फरवरी तक कराया जा रहा था। पूज्यपाद स्वामी अग्निवेश जी महाराज के ब्रह्मत्व में व पूज्यपाद स्वामी सत्यवेश जी महाराज के सान्निध्य में यह महायाग पूर्ण हुआ तथा नित्य प्रातः सुबह को पूज्य श्री अग्निवेश जी महाराज के द्धारा योग कक्षा भी लगायी गई। यज्ञ के उद्गाता ब्रह्मचारी अंकुर भरद्वाज ने विभिन्न स्वरों में वेदमंत्र गाये।
अन्य उपस्थित साधुओं में स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, सम्मान मुनि जी, जगत मुनि जी, सुख मुनि जी रहे। बहन सीता आर्य ने बहनों को व्यवहार व धर्म सुमधुर संगीत के द्वारा समझाया।
स्वामी सत्यवेश जी महाराज ने अपनी अति सुन्दर कविता के उपदेश से राजनीति पर आक्रमण कर भ्रष्टाचार, दुराचार के खिलाफ डंका बजा दिया। यज्ञ संयोजन अनुभव शर्मा, अमित कुमार, सुनीति शर्मा, शशि प्रभा शर्मा व अरविन्द कुमार 'मोंटी' ने किया।
सुरेश सिंह आर्य, नेपाल सिंह आर्य, विजयवीर सिंह, उदयवीर सिंह, सचिन तोमर, राजीव कुमार, संजीव कुमार, दीपक कुमार, रणधीर सिंह आर्य, अशोक कुमार(पू० प्र०), डा० सहदेव सिंह।
हुआ जिसमे मुख्य यजमान श्री सुरेश सिंह आर्य
सपत्नीक रहें तथा अन्य यज्ञमानो ने भी सपत्नीक आहुतियां दीं । इस यज्ञ को
कन्या आर्ष गुरुकुल श्रवण पुर नजीबाबाद की ब्रह्मचारिणियों ने बहन
प्रियंवदा जी के संरक्षण व ब्रह्मत्व में पूर्ण कराया। कानपुर के
योगाचार्य सन्यासी स्वामी अंग्निवेश जी ने इस यज्ञ में योगदीक्षा दी व
आशीर्वाद दिया ।
सुरेश सिंह आर्य, अनुभव शर्मा , रणधीर सिंह तोमर, अशोक तोमर, सचिन तोमर, दीपक चौधरी, उदयवीर सिंह, विजय वीर सिंह, संजीव कुमार, अमित चौधरी, अशोक कुमार (पू० प्र० ), चौधरी मुकेश कुमार (प्रधान) ।
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सुरेश सिंह आर्य, नेपाल सिंह आर्य, रणधीर सिंह तोमर, गजेन्द्र शर्मा , ब्रजेश सिंह , राकेश तोमर, सचिन तोमर, उदयवीर सिंह, संजीव कुमार, राजीव कुमार , अशोक कुमार (पू० प्र० ), सुशील चौधरी, प्रभात सिंह।